मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी सियासी संघर्ष के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि, शिवसेना के सीएम पर सबकी सहमति बनी है और पांच साल तक शिवसेना का ही सीएम रहेगा. शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, तीनों दलों ने तय कर लिया है कि शिवसेना का ही मुख्यमंत्री पांच साल तक रहेगा. राउत ने कहा, महाराष्ट्र को मजबूत मुख्यमंत्री मिलेगा. अगले दो दिनों में राज्य को शिवसेना मुख्यमंत्री मिलेगा. संजय राउत के इस बयान से लगभग साफ है कि 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना बीजेपी को छोड़कर पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेगी. संजय राउत ने यह भी कहा, हर कोई चाहता है कि उद्धव ठाकरे ही मुख्यमंत्री का पद संभालें, क्योंकि जनता भी यही चाहती है. शिवसेना में ही नहीं बल्कि तीनों पार्टियों की यही मांग है कि उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री का पद संभालें.
रिपोर्ट्स के अनुसार महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस (Congress) के बीच सहमति बन गई है. जिसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है. सूत्रों की मानें तो तीनों ही पार्टियां विधानसभा में अपने सीटों के हिसाब से मंत्रालयों के बंटवारे पर भी सैद्धांतिक तौर पर एकमत हो चुकी हैं. वहीं इस बीच शुक्रवार को शिवसेना विधायकों की अलग से बैठक होगी. इसके बाद कांग्रेस-एनसीपी की बैठक होगी. इसके बाद शाम को तीनों पार्टियों के विधायकों की बैठक होगी जिसमें सरकार के गठन पर फाइनल चर्चा होने का अनुमान है.
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Sanjay Raut, Shiv Sena: Shiv Sena Chief Minister will be there for full 5 years. #Maharashtra pic.twitter.com/RDt8hXCC11
— ANI (@ANI) November 22, 2019
शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. वहीं चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनी बीजेपी चुप्पी साधे हुई है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर यह चुनाव लड़ा था. दोनों पार्टियों ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा भी पार कर लिया था. लेकिन शिवसेना ने बीजेपी के सामने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मॉडल था.
शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के साथ गठबंधन इसी फॉर्मूले पर हुआ था लेकिन बीजेपी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ. इसी विवाद के बीच महाराष्ट्र में यह सियासी घमसान शुरू हुआ. इसी मतभेद के चलते दोनों पार्टियों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई. जिसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया.