मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में गठबंधन सरकार बनाने को लेकर पिछले कई दिनों से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी है. रिपोर्ट्स के अनुसार महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस (Congress) के बीच सहमति बन गई है. जिसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है. तीनों पार्टियों में चल रही इस सियासी हलचल के बीच मराठी अखबार लोकसत्ता के अनुसार बीजेपी ने सरकार गठन के लिए शिवसेना को मुख्यमंत्री पद ऑफर किया. खबरें आई कि सरकार गठन के लिए बीजेपी ने शिवसेना की शर्तों को मान लिया और शिवसेना को सीएम पद का ऑफर तक दिया. हालांकि इसके बाद शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने खुद इन खबरों का खंडन किया. ABP की रिपोर्ट के अनुसार संजय राउत ने कहा, बीजेपी की तरफ से इस तरह का कोई ऑफर उन्हें नहीं मिला है.
वहीं इससे पहले गुरुवार शाम राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने कहा कि अगले 24 घंटों में महाराष्ट्र में जारी अनिश्चितता खत्म हो सकती है. गुरुवार शाम चव्हाण मीडिया के सामने आए तो उन्होंने साफ कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के तौर-तरीकों पर कांग्रेस और एनसीपी के बीच सहमति बन चुकी है. सूत्रों की मानें तो तीनों ही पार्टियां विधानसभा में अपने सीटों के हिसाब से मंत्रालयों के बंटवारे पर भी सैद्धांतिक तौर पर एकमत हो चुकी हैं.
सरकार गठन को लेकर महाराष्ट्र से दिल्ली तक नेताओं की बैठकों का दौर जारी है. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी नेता लगातार सरकार गठन के लिए बैठकों पर बैठक कर रहे हैं. वहीं शिवसेना के अलग राह पकड़ने से चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई बीजेपी चुप्पी साधे है. वहीं शिवसेना है कि बीजेपी पर निशाना साधना का एक मौका नहीं छोड़ रही है. संजय राउत ने अपने एक नए ट्वीट में फिर से बीजेपी को घेरा. उन्होंने लिखा, "कभी कभी कुछ रिश्तों से बहार आ जाना ही अच्छा होता है. अहंकार के लिए नहीं... स्वाभिमान के लिए !
संजय राउत का ट्वीट-
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 22, 2019
महाराष्ट्र में चल रही इस लंबी सियासी उठापठक के बीच गुरुवार को एनसीपी चीफ शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद अनुमान है कि शुक्रवार को सरकार गठन को लेकर तस्वीर साफ हो सकती है. महाराष्ट्र में मौजूदा समय में राष्ट्रपति शासन है. जनता को इंतजार है कि राज्य में कब और कैसे किसकी सरकार बनेगी.