नई दिल्ली:- महाराष्ट्र (Maharashtra) में भले ही सरकार बदल गई हो लेकिन किसानों की आत्महत्या (Farmer Suicides) का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जब सूबे में नई सरकार और किसके साथ बनेगी उस उलझन में तमाम पार्टियों के नेता लगे हुए थे. उस समय सूबे के किसान बेमौसम बारिश से परेशान थे. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक 300 इस बीच 300 किसानों ने आत्महत्या कर चुके हैं. पिछले साल अक्टूबर और नवंबर महीने में 61% किसानों के आत्महत्या के मामले में इजाफा हुआ. इसके अक्टूबर में 186 और नवंबर में संख्या में 114 का इजाफा देखा गया. जो बढ़कर 300 पहुंच गई. इससे पहले साल 2015 में सूबे में किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा 300 के पार पहुंचा था.
बता दें कि महाराष्ट्र का मराठवाड़ा सूखाग्रस्त क्षेत्र माना जाता है. अगर यहां की बात करें तो नवंबर महीने में 2019 में सबसे अधिक 120 मामले दर्ज किए गए. जबकि अगर विदर्भ पर नजर डाले तो कुल 112 मामले दर्ज किया गया. वहीं साल 2019 के शुरवाती महीने जनवरी से लेकर सितंबर के बीच 2532 आत्महत्याओं का मामला सामने आया. यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे पर टिप्पणी करना पड़ा भारी, बीड में महिला ने शख्स पर डाली स्याही: देखें VIDEO.
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का ऐलान किया है. किसानों का 30 सितंबर 2019 तक का बकाया फसल कर्ज माफ किया गया है, जिसकी अधिकतम सीमा दो लाख रुपये होगी. कर्ज माफी योजना मार्च, 2020 से लागू हो जाएगी. लेकिन जिन किसानों का फसल कर्ज और पुनर्गठन कर्ज दो लाख रुपये से अधिक है, वे योजना के तहत किसी तरह के लाभ के पात्र नहीं हैं.
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए गए थे. लेकिन बीजेपी और शिवसेना रिश्तों में आई खटास के बाद करीब एक महीने तक सरकार का गठन नहीं हो पाया था. इस चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं थी.