नई दिल्ली. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जारी सियासी संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई जारी है. बीजेपी की तरफ से राज्य के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने याचिका दायर कर विधानसभा में जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है. मध्य प्रदेश के सियासी संग्राम का असर बेंगलुरु में भी दिखाई पड़ रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh), डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया है. इसी बीच में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी के भाई द्वारा उनकी रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से साफ इनकार कर दिया है. कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, 6 विधायकों का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया गया है. इन्ही विधायकों से मिलने दिग्विजय कांग्रेस नेताओं के साथ पहुंचे हैं.
बता दें कि उनके भाई ने याचिका में कहा था कि मनोज सहित अन्य विधायकों को बीजेपी सदस्यों और कर्नाटक की राज्य पुलिस ने जबरदस्ती कैद कर रखा है. वही मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी सर्वोच्य न्यायालय कोर्ट में याचिका दायर कर भारतीय जनता पार्टी पर कांग्रेस के 16 विधायकों को किडनैप करने का आरोप लगाया है. यह भी पढ़े-मध्यप्रदेश सियासी संकट: फ्लोर टेस्ट को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, बीजेपी और कांग्रेस की टिकी हैं नजरें
ANI का ट्वीट-
Supreme Court refuses to hear the petition filed by the brother of Congress MLA Manoj Choudhary from Madhya Pradesh, seeking his release, as he claimed that his brother Manoj along with other MLAs was forcefully kept in the captivity by members of BJP & state police of Karnataka. pic.twitter.com/XMZKZDIaYg
— ANI (@ANI) March 18, 2020
दूसरी तरफ बेंगलुरु में दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों से मिलने की अनुमति नहीं मिली है. इसलिए हम सरकार भी बचाएंगे और अपने विधायकों को भी वापस लाएंगे. मैं एक कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं.