मध्यप्रदेश में सियासी संकट: सीएम कमलनाथ ने कांग्रेस नेताओं की बुलाई बैठक, दिग्विजय सिंह भी शामिल
दिग्विजय सिंह और सीएम कमलनाथ (Photo Credit- PTI)

भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)  में जारी सियासी घमासान के बीच दिल्ली का दौरा बीच में ही रद्द कर भोपाल पहुंचे मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamalnatha) ने कांग्रेस नेताओं की बैठक बुलाई है. इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्जिवय सिंह, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के अलावा विधायक व मंत्री भी हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों और मंत्रियों के दिल्ली में डेरा डालने और उनके मोबाइल फोन बंद होने के बाद कांग्रेस के अंदर हलचल मची हुई है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री को अपना दिल्ली दौरा रद्द कर भोपाल लौटना पड़ा है.

मुख्यमंत्री ने भोपाल लौटते ही मुख्यमंत्री आवास में पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई. इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के अलावा राज्य सरकार के मंत्री व विधायक मौजूद हैं. इसके अलावा सभी मंत्रियों और विधायकों को भोपाल बुलाया गया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार की रात को दिल्ली प्रवास पर रवाना हुए थे और उनको 12 मार्च को भोपाल लौटना था. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की, राज्य की राजनीति के हालात पर चर्चा हुई. यह भी पढ़े: मध्यप्रदेश सियासी संकट सुलझाने के लिए ये चाल चल सकते हैं सीएम कमलनाथ

राज्य में बीते एक सप्ताह से कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की कोशिशों का शोर है। सरकार को समर्थन देने वाले 10 विधायक भी लापता हुए थे, जिनमें से आठ लौट आए हैं, इसी बीच सिंधिया समर्थक एक दर्जन से ज्यादा विधायकों के दिल्ली पहुंचने की खबरें आई हैं। इन सभी विधायकों के फोन भी बंद हैं. राज्य की रिक्त हो रही तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है और नामांकन भरे जाने की अंतिम तारीख 13 मार्च है.

कांग्रेस के खाते में तीन में से दो सीटों के आने की संभावना बनी हुई है, इसी के चलते कांग्रेस में उम्मीदवारों के नामों को लेकर मंथन चल रहा है.राज्य से कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह को बड़ा दावेदार माना जा रहा है.सूत्रों का कहना है कि सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायक चाहते हैं कि सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने के साथ प्रदेश अध्यक्ष की भी कमान सौंपी जाए। इसी के चलते मंत्रियों और विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है.