यूपी विधानसभा में जमकर हंगामा, एसपी-बीएसपी विधायकों ने राज्यपाल पर फेंके कागज के गोले, सांड को लेकर किया प्रदर्शन
यूपी विधानसभा में जमकर हंगामा (Photo Credit-ANI)

उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया. विधानसभा के अंदर राज्यपाल राम नाईक (Ram Naik) पर कागज के गोले फेंके गए तो विधानसभा के बाहर सांड को लेकर प्रदर्शन किया गया. इस पूरे प्रदर्शन के दौरान एसपी के विधायक सुभाष पासी बेहोश हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बता दें कि योगी सरकार का तीसरा बजट सत्र 22 फरवरी तक चलेगा और 7 फरवरी को योगी सरकार अपना तीसरा बजट पेश करेगी. मंगलवार को शुरू हुए सत्र के पहले ही दिन जमकर हंगामा हुआ.

इस हंगामे में जहां सदन के अंदर कागज के गोलों से वार हुआ तो वहीं सदन के बाहर भी एसपी के नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उनके साथ एक सांड भी था. उन्होंने अपने प्रदर्शन में सांड को आगे खड़ा किया और हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. इन तख्तियों पर लिखा था- सांड और किसान दोनों परेशान. यह भी पढ़ें- पूनम महाजन ने प्रियंका गांधी पर की टिप्पणी, बताया 'तैमूर', राहुल गांधी को कहा 'राफूल'

मंगलवार के बजट सत्र की कार्यवाही की शुरुआत करते हुए राज्यपाल राम नाईक अभिभाषण देने पहुंचे तो विपक्षी सदस्यों ने उनकी ओर कागज के गोले उछाले और नारेबाजी की. राज्यपाल ने लगभग 11 बजे सदन में जैसे ही अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. उन्होंने 'राज्यपाल वापस जाओ' के नारे लगाते हुए नाईक की तरफ कागज के गोले फेंके.

विपक्षी सदस्यों के लगातार हंगामे के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ना जारी रखा और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में ब्यौरा पेश किया. इस दौरान कागज के गोलों से उनके सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बचाया. सुरक्षाकर्मियों ने फाइल कवर के सहारे कागज के गोलों को राज्यपाल तक से रोका.

सीएम योगी ने की आलोचना 

विपक्ष के इस पूरे हंगामे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रया दी है. सीएम योगी ने कहा, 'जिस तरीके से राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी की गई और एसपी विधायकों ने कगज के गोले राज्यपाल पर फेंके, वह निंदनीय है.

सीएम योगी ने कहा राज्यपाल के सामने एसपी-बीएसपी विधायकों के इस दुर्व्यवहार की हम आलोचना करते हैं. उनके इस रवैये से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह किस प्रकार का सिस्टम चाहते हैं. योगी ने इस पूरे घटनाक्रम को अलोकतांत्रिक करार दिया.