Uttar Pradesh Foundation Day 2021: जिस प्रदेश का जितना प्राचीन इतिहास होता है, उसकी पहचान, उसकी परंपरा, संस्कृति और गौरव उतना ही समृद्ध होता है, इन्हीं खूबियों को पूरे देश और दुनिया से परिचित कराने के लिए प्रदेश विशेष का दिवस मनाया जाता है. आज हम देश के अति प्राचीन प्रदेश 'उत्तर प्रदेश दिवस' (Uttar Pradesh Diwas) पर बात करेंगे. गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस (Uttar Pradesh Foundation Day) मनाया जाता है. यह आयोजन प्रदेश के सूचना, संस्कृति और पर्यटन विभाग मिलकर करता है. आइये जानें इस समृद्ध प्रदेश के संदर्भ में..
24 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं 'उत्तर प्रदेश दिवस'
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश पहले यूनाइटेड प्राविंस के नाम से जाना जाता था, लेकिन आजादी के बाद 24 जनवरी 1950 के दिन भारत सरकार ने इसका नाम उत्तर प्रदेश (यूपी) रख दिया. हांलाकि 'उत्तर प्रदेश दिवस' का प्रथम आयोजन 1989 को 24 जनवरी को महाराष्ट्र एवं दूसरे प्रदेशों में किया जाता था, लेकिन साल 2018 में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 'उत्तर प्रदेश दिवस' का आयोजन उत्तर प्रदेश में भी शुरु करने का फैसला लिया. लखनऊ में होने वाले इस आयोजन के मुख्य अतिथि राज्य के मुख्यमंत्री होते हैं. इस कार्यक्रम के द्वारा यहां के लोगो को यहां कि सांस्कृतिक धरोहर से पहचान कराने का प्रयत्न किया जायेगा. साथ ही नये युवा वर्ग को विकास में शामिल करने का प्रयास किया जायेगा.
'उत्तर प्रदेश दिवस' का इतिहास
उत्तर प्रदेश का इतिहास लगभग 4 हजार वर्ष पुराना है. एक समय यह आर्यावर्त का प्रमुख भाग हुआ करता था. वाल्मीकि रामायण में वर्णित भगवान श्री राम का कौशल राज्य इसी क्षेत्र में था, तब अयोध्या इस राज्य की राजधानी थी. पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भी उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में हुआ था. विश्व के प्राचीनतम शहरों में एक काशी (वाराणसी) भी इसी प्रदेश का हिस्सा है. यह भी पढ़ें: Republic Day 2021 Wishes: गणतंत्र दिवस के खास मौके पर WhatsApp Stickers, HD Images, Patriotic Quotes और Facebook GIFs भेजकर दें बधाई
वाराणसी में ही सारनाथ का चौखन्डी स्तूप भगवान बुद्ध के प्रथम प्रवचन की याद दिलाता है, तो विश्व का सबसे बड़ा कुम्भ मेला इसी प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में सैकड़ों सालों से मनाया जा रहा है. समय के साथ यह क्षेत्र छोटे-छोटे राज्यों में बंटता गया. फिर बड़े साम्राज्यों, गुप्त, मौर्य और कुषाण के शासन का हिस्सा रहा. ७वी शताब्दी में कन्नौज गुप्त साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र था यह प्रदेश.
कैसे मनाया जाएगा इस वर्ष ‘उत्तर प्रदेश दिवस'
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री होते हैं. वर्तमान में मुख्य अतिथि योगी आदित्यनाथ होंगे. लखनऊ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा जिसमें उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि होंगे इसके अलावा राज्यपाल का अहम किरदार होने के कारण कार्यक्रम के दौरान उनकी भी अहम भूमिका होगी. इसके अलावा राज्य व केन्द्र के अन्य मंत्री व अधिकारी भी सम्मिलित होंगे.
उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी इस दिवस को मनाया जायेगा. इस मौके पर राज्य के लोगों को यहां कि सांस्कृतिक धरोहर, कृषि, पारंपरिक पर्व, उप्र के पर्यटन स्थलों, लोक संगीत, लोक नृत्य आदि से परिचित कराने का भी प्रयास किया जायेगा, इसके साथ ही युवा वर्ग को प्रदेश के विकास में शामिल किए जाने और रोजगार व व्यवसाय दिलाने की योजनाओं से परिचय कराया जायेगा.