भोपाल: मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से जारी किए जाने वाले नौ विज्ञापनों में से विवादास्पद राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़े विज्ञापन सहित छह विज्ञापनों को आपत्तिजनक मानते हुए इनके प्रसारण पर रोक लगा दी है. इन विज्ञापनों पर रोक के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग पर केन्द्र सरकार का दबाव है. कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमने मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग के पास अनुमति के लिए अपने नौ विज्ञापनों को भेजा था. इसमें से छह विज्ञापनों पर निर्वाचन आयोग ने प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया.’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘इन विज्ञापनों में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था. हमने निर्वाचन आयोग से अपने इस निर्णय पर फिर से विचार करने के लिए अनुरोध किया है.’’
शोभा ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग केन्द्र सरकार के दबाव में काम रहा है.
शोभा ओझा ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने इन विज्ञापनों को आपत्तिजनक बताया है. आयोग का कहना है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे का केस देश की सर्वोच्च अदालत में विचाराधीन है, इसलिए चुनाव विज्ञापन में इसका उपयोग ठीक नहीं है.