लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के नतीजे आने से पहले कांग्रेस (Congress) और दूसरे प्रमुख विपक्षी दलों के नेता मंगलवार को दिल्ली (Delhi) में मुलाकात कर राजनीतिक हालात पर व सरकार बनाने के दावे के लिए गैर-एनडीए गठबंधन बनाने की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे. विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास के तहत आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी के नेता एन. चंद्रबाबू नायडू (N. Chandrababu Naidu) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के साथ उनके कोलकाता स्थित आवास पर बैठक की और त्रिशंकु परिणाम की स्थिति में केंद्र में गैर-भाजपाई सरकार बनाने की संभावना पर उनसे चर्चा की. नायडू ने ‘महागठबंधन’ की भविष्य की रणनीति पर बनर्जी के साथ 45 मिनट तक बातचीत की जिस दौरान उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से क्षेत्रीय दलों के साथ गैर-भाजपाई सरकार बनाने की संभावना पर गुफ्तगू की.
एक सूत्र ने कहा, ‘बैठक में फैसला किया गया कि 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद त्रिशंकु परिणाम की स्थिति में महागठबंधन के अन्य भागीदारों के साथ विस्तार से चर्चा की जाएगी.’ सूत्र ने कहा कि ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे पर भी फैसला 23 मई के बाद लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आज बनर्जी से फोन पर बात की और ‘महागठबंधन’ की रणनीति पर चर्चा की. नायडू ने सोमवार को भी बनर्जी से मुलाकात की थी. रविवार को वह यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से नई दिल्ली में अलग-अलग मिले. उन्होंने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, बीएसपी अध्यक्ष मायावती और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से भी चर्चा की.
इस बीच अखिलेश और मायावती ने भी मुलाकात की और आगे के लिए अपनी रणनीति तय की. विपक्ष के नेता चुनाव आयोग से भी मिलेंगे और वीवीपीएटी की पर्चियों का मिलान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक करने का आग्रह करेंगे. विपक्षी नेताओं की अनौपचारिक मुलाकात में कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल व गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओ ब्रायन, एनसीपी के शरद पवार, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी. राजा और बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा सहित कई नेता शामिल हो सकते हैं. यह भी पढ़ें- ममता बनर्जी से मिले चंद्रबाबू नायडू, चुनाव बाद होने वाले गठबंधन को लेकर तेज हुआ मुलाकातों का दौर
बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए सात चरण में मतदान हुआ है और 23 मई को मतगणना होगी. दरअसल, विपक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि हर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले किन्हीं पांच बूथों पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाएगा. हालांकि कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल लगातार यह मांग उठा रहे थे कि कम से कम 50 फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाए. हालांकि एग्जिट पोल के मद्देनजर विपक्ष ने थोड़ी सावधानी बरतते हुए कोई औपचारिक बैठक नहीं करने का फैसला किया है.
भाषा इनपुट