लखनऊ: लोकसभा चुनावों से ठीक पहले पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर अख्तियार करने वाले पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री आईपी सिंह को बीजेपी ने निकाल दिया है. सिंह काफी समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के कई शीर्ष नेताओं के खिलाफ आग उगल रहे थे. जिसके बाद बीजेपी ने कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया.
जानकारी के मुत्रबिक हाल ही में आई पी सिंह ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का समर्थन किया था. जबकि पीएम मोदी के खिलाफ ट्वीट कर उनपर निशाना साधा था. सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पाण्डेय के निर्देश पर पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया.
हमने ‘प्रधानमंत्री’ चुना था या ‘प्रचारमंत्री’? अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से देश का पीएम क्या टी-शर्ट और चाय का कप बेचते हुए अच्छा लगता है? भाजपा वो पार्टी रही है जिसने अपने विचारों से लोगों के दिलों में जगह बनायी, मिस काल देकर और टी-शर्ट पहन कर ‘कार्यकर्ताओं’ की खेती असंभव है।
— उसूलदार IP Singh (@ipsinghbjp) March 25, 2019
सिंह ने ट्विट किया “माननीय अखिलेश यादवजी का आजमगढ़. पूर्वांचल से लोकसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा होने के बाद पूर्वांचल की जनता में खुशी की लहर, युवाओं में जोश, आपके आने से पूर्वांचल का विकास होगा. जाति और धर्म की राजनीति का अंत होगा, मुझे खुशी होगी यदि मेरा आवास भी आपका चुनाव कार्यालय बने.
माननीय अखिलेश यादवजी का आजमगढ़
पूर्वांचल से लोकसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा होनेके बाद पूर्वांचल की जनता में खुशी
की लहर,युवाओं में जोश,आपके आने से पूर्वांचल का विकास होगा।जाति और धर्म की राजनीति का अंत होगा,मुझे खुशी होगी यदि मेरा आवास भी आपका चुनाव कार्यालय बने। @yadavakhilesh pic.twitter.com/j4JlL5AGd6
— उसूलदार IP Singh (@ipsinghbjp) March 24, 2019
पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा “हमने ‘प्रधानमंत्री’ चुना था या ‘प्रचारमंत्री’? अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से देश का पीएम क्या टी-शर्ट और चाय का कप बेचते हुए अच्छा लगता है? भाजपा वो पार्टी रही है जिसने अपने विचारों से लोगों के दिलों में जगह बनायी, मिस काल देकर और टी-शर्ट पहन कर ‘कार्यकर्ताओं’ की खेती असंभव है.”
माफ़ कीजिएगा @narendramodi जी, अपनी आँख पर पट्टी बाँध कर आपके लिए ‘चौकीदारी’ नहीं कर सका।
— उसूलदार IP Singh (@ipsinghbjp) March 25, 2019
बीजेपी से निकाले जाने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन के तीन दशक दिए. एक धरतीपकड़ कार्यकर्ता की तरह जन सरोकार की राजनीति की. उन्होंने आगे कहा कि ढह चुके आंतरिक लोकतंत्र के बीच सच बोलने की उन्हें सजा मिली.