खजुराहो लोकसभा सीट: त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना, लेकिन बीजेपी फिर मार सकती है बाजी
खजुराहो लोकसभा सीट (File Image)

भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर जिले में पड़नेवाला खजुराहो (Khajuraho) निर्वाचन क्षेत्र राजनीति के लिहाज से बहुत अहम माना जाता है. इस सीट पर बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों की सांख दांव पर लगी है. इसी के मद्देनजर दोनों ही दलों ने जातीय गणित को समझते हुए नए चेहरों को मैदान में उतारा है. इसके अलावा खजुराहो लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (एसपी) के होने से त्रिकोणीय लड़ाई होने की उम्मीद है.

साल 1977 में अस्तित्व में आए खजुराहो संसदीय सीट पर अब तक 11 बार चुनाव हुए हैं. इसमें से अधिकतर बीजेपी को ही जीत हासिल हुई है. जबकि तीन बार कांग्रेस प्रत्याशी को जीत मिली. इस सीट पर से बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी सांसद रह चुकी हैं. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों के परिणामों पर नजर डाले तो इस बार भी यह सीट बीजेपी की झोली में जा सकती है.

खजुराहो का 2014 में हाल-

नागेंद्र सिंह (बीजेपी)- 4 लाख 74 हजार 966 वोट

राजा पटेरिया (कांग्रेस)- 2 लाख 27 हजार 476 वोट

राम लखन सिंह (बहुजन समाज पार्टी)- 60 हजार 368 वोट

खजुराहो लोकसभा सीट पर सबसे अधिक पिछड़े वर्ग के मतदाता हैं. इसलिए किसी भी दल की जीत में यह निर्णायक भूमिका निभाते है. यहीं वजह है कि बीजेपी ने इस बार अपने वर्तमान सांसद का टिकट काट कर वीडी शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस ने कविता सिंह को मैदान में उतारा है. वहीं एसपी ने डाकू ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल पर दांव लगाया है. वह कुर्मी समुदाय से आते है.