कर्नाटक विधान परिषद के डिप्टी स्पीकर एसएल धर्मेगौड़ा ने की आत्महत्या, रेलवे ट्रैक के पास मिला शव
डिप्टी स्पीकर एसएल धर्मेगौड़ा (File Photo)

बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) विधान परिषद के डिप्टी स्पीकर एसएल धर्मेगौड़ा (SL Dharmegowda) का शव चिक्कमगलुरु (Chikkamagaluru) जिले में एक रेलवे ट्रैक के पास पाया गया है. पुलिस ने उनके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है. हालांकि पुलिस ने पुष्टि की कि धर्मेगौड़ा ने आत्महत्या की है. कर्नाटक विधान परिषद में जमकर हंगामा, उप सभापति एसएल धर्मेगौड़ा को खींचकर आसन से उतारा गया

मिली जानकारी के मुताबिक डिप्टी स्पीकर एसएल धर्मेगौड़ा कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में एक रेलवे ट्रैक के पास सुबह करीब 2 बजे मृत पाए गए. बताया जा रहा है कि मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है. हालांकि उनके इस खौफनाक कदम के पीछे क्या वजहें थी, इसका पता नहीं चल सका है. पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है.

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक विधान परिषद में 15 दिसंबर को जमकर हंगामा हुआ था और अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. तब उप सभापति धर्मेगौड़ा को कांग्रेस के सदस्यों ने सभापति के आसन से खींचकर उतारा था और बिना किसी कामकाज के सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था.

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दरअसल राज्य सरकार ने सभापति के प्रताप चंद्र शेट्टी पर अप्रत्याशित रूप से सत्र को स्थगित करने का आरोप लगाते हुए एक दिन के लिए विधान परिषद का सत्र बुलाया था. जबकि बीजेपी द्वारा शेट्टी के विरुद्ध लाया गया अविश्वास प्रस्ताव आज के एजेंडे में शामिल नहीं था. इससे पहले सभापति ने इस प्रस्ताव को प्रक्रिया में त्रुटि के आधार पर खारिज कर दिया था.

विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही गौड़ा सभापति के आसन पर बैठ गए जिससे कांग्रेस के सदस्य नाराज हो गए और उन्हें जबरन हटा दिया. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने सभापति के आने से पहले ही गौड़ा की मदद से कार्यवाही शुरू कर दी है ताकि शेट्टी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सके. एम नारायणस्वामी समेत कुछ कांग्रेस सदस्य, उप सभापति को आसन से खींचकर उतारते दिखाई दिए. इस दौरान विधान परिषद के कई सदस्य और मार्शल भी धक्कामुक्की के शिकार हुए. कुछ देर बाद सभापति प्रताप चंद्र शेट्टी सदन में आए और आसन की ओर जाने लगे तभी उप मुख्यमंत्री सी एन अश्वथ नारायण ने उन्हें आसन पर बैठने से रोका. इसके बाद शेट्टी ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.