नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा नेतृत्व परिवर्तन और सुधार की मांग के बाद एक बार फिर पार्टी को अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कही एक बात ने पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) और गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) को नाराज कर दिया. बताया जा रहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हो रही सीडब्ल्यूसी बैठक में में राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र में बीजेपी का भी हाथ होने की आशंका जाहिर की थी. हालांकि कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी में राहुल गांधी की ऐसी कोई टिप्पणी करने की बात से इनकार कर दिया है. इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी राहुल गांधी के बयान के खिलाफ किए गए अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है.
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में से एक कपिल सिब्बल ने "बीजेपी के साथ मिलीभगत" पर किए गए अपने ट्वीट को डिलीट करने के बाद कहा कि राहुल गांधी द्वारा व्यक्तिगत रूप से उन्हें सच बताया गया है. इसलिए वह अपना ट्वीट वापस ले रहे है. उन्होंने पहले किए गए अपने ट्वीट में लिखा था “राहुल गांधी कहते हैं हमारी बीजेपी से मिलीभगत है. पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में बयान नहीं दिया. फिर भी हमारी बीजेपी से मिलीभगत है!”
Was informed by Rahul Gandhi personally that he never said what was attributed to him .
I therefore withdraw my tweet .
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 24, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक की शुरुआत में ही कहा कि वह अब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर काम नहीं करना चाहती है. इसके बाद मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने की अपील की. उधर, कांग्रेस की कई प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों और सांसदों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उनके और राहुल गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया है. जबकि कई ने राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की वकालत की है.
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने "भाजपा के साथ मिलीभगत" पर किए गए अपने ट्वीट को वापिस लिया। https://t.co/9xa9PSEtsY pic.twitter.com/f1C4yrJ4Z2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 24, 2020
एक दिन पहले ही पार्टी में नेतृत्व को लेकर तब उफान आया, जब जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई. सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं में कपिल सिब्बल (Kapil Sibal), शशि थरूर (Shashi Tharoor), गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad), पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan), विवेक तन्खा (Vivek Tankha) और आनंद शर्मा (Anand Sharma) जैसे शीर्ष नेता शामिल थे. हालांकि इस मामले पर कांग्रेस दो खेमे में बंट गई है.