नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुई हिंसा पर राजनीति गर्मा गई है. दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इस कारण नेता लगातार इस मुद्दे पर हमलावर हैं. कांग्रेस और लेफ्ट के नेताओं ने JNU हिंसा के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. तो वहीं बीजेपी ने इस मामले में राजनीति न करने की सलाह दी है. इस बीच बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने तो इस हमले के लिए विपक्षी को ही जिम्मेदार ठहरा दिया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर बैठक बुलाई है, इस बैठक में दिल्ली सरकार और पार्टी के बड़े नेता मौजूद हैं. इससे पहले रविवार शाम को सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेएनयू में हिंसा पर दिल्ली पुलिस से एक्शन लेने की अपील की थी.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने जेएनयू हिंसा पर कहा, शैक्षिक संस्थाओं का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. जांच शुरू हो गई है, इसलिए इस वक्त कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा. लेकिन विश्वविद्यालयों को राजनीति का अड्डा नहीं बनने देना चाहिए. न ही छात्रों को राजनीतिक मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
छात्रों का इस्तेमाल न करें-
Union Minister Smriti Irani on #JNUViolence: Investigation has begun,so will not be right to speak on it now, but Universities should not be turned into hubs of politics, neither should students be used as political pawns. pic.twitter.com/Gor1mONKuM
— ANI (@ANI) January 6, 2020
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) जेएनयू हिंसा पर कहा, लेफ्ट के छात्र जेएनयू का नाम खराब कर रहे हैं. गिरिराज सिंह ने यह भी कहा, जो राजनेता वहां जाकर राजनीति करते हैं वो इसके लिए जिम्मेदार हैं. राहुल गांधी और अन्य नेता वहां केवल राजनीति करने के लिए जाते हैं.
लेफ्ट के छात्र जेएनयू का नाम खराब कर रहे-
Union Minister Giriraj Singh on #JNUViolence: Left students are defaming Jawaharlal Nehru University (JNU), they have turned the University into a centre of hooliganism. pic.twitter.com/AmjPiEnB3r
— ANI (@ANI) January 6, 2020
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) हिंसा मामले में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने कहा कि छात्रों पर हमला असहिष्णुता का नतीजा है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कैंपस में छात्रों और शिक्षकों पर नाजी शैली में हमला उन लोगों ने किया है, जो देश में अशांति और हिंसा का माहौल पैदा करना चाहते हैं. संघ परिवार को कैंपस में खूनखराबे के इस खतरनाक खेल से हटना चाहिए.अच्छा होगा यदि वे छात्रों की आवाज को देश की आवाज समझें.
छात्रों की आवाज को देश की आवाज समझें-
Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan: The Sangh Parivar forces must withdraw from this dangerous game of bloodshed on campus. It would be good if they understand that voice of students' are the voice of the land. #JNUViolence https://t.co/5d5apc1ZZG
— ANI (@ANI) January 6, 2020
जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी और मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ''जेएनयू हमले से साबित होता है, जेएनयू कैंपस पर हमला पूर्व नियोजित था. हमले में जेएनयू प्रशासन का समर्थन था. गुंडे बीजेपी के थे. छात्रों / शिक्षकों को पीटा गया था और दिल्ली पुलिस मूक दर्शक बनी रही. क्या यह गृह मंत्री के मौन समर्थन के बिना हो सकता है?'
गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना-
#JNUattack proves-:
1. Attack on JNU campus was premeditated.
2. Attack had support of JNU administration.
3. Goons belonged to BJP.
4. Delhi police was a mute spectator as studentrs/teachers were beaten.
Can this happen without tacit support of HM?https://t.co/qRfyNwOWTP
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 6, 2020
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने JNU हिंसा पर कहा, छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निंदनीय व शर्मनाक. केंद्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिए. साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो जाये तो यह बेहतर होगा.
जेएनयू कैंपस में हुए बवाल के बाद यूनिवर्सिटी के गेट की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है. मेन गेट को बंद कर दिया गया है. यूनिवर्सिटी के गेट पर अंदर प्रवेश करने वालों की अच्छी तरह से चेकिंग की जा रही है. आईडी कार्ड देखने के बाद ही गेट के अंदर दाखिल होने दिया जा रहा है. इस बीच जेएनयू हिंसा में घायल हुए सभी 34 छात्रों को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है.