झारखंड: हेमंत सोरेन ने 3 हजार लोगों पर लगाए गए राजद्रोह को किया निरस्त, बोले- कानून जनता की आवाज को बुलंद करने का करेगी कार्य
हेमंत सोरेन (Photo Credits: IANS)

धनबाद:  झारखंड (Jharkhand) के 11वें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन(CM Hemant Soren) ने उन लोगों के लिए बड़ा फैसला किया है, जिन पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान राजद्रोह का आरोप लगा था. सीएम हेमंत सोरेन ने धनबाद में करीब 3 हजार लोगों पर लगाए गए राजद्रोह की धारा को अविलंब निरस्त करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर लिखा- कानून जनता को डराने एवं उनकी आवाज को दबाने के लिए नहीं, बल्कि आम जन-मानस में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने को होता है. मेरे नेतृत्व में चल रही सरकार में कानून जनता की आवाज को बुलंद करने का काम करेगी.

आगे उन्होंने लिखा कि धनबाद में 3000 लोगों पर लगाए गए राजद्रोह की धारा को अविलंब निरस्त करने के साथ-साथ दोषी अधिकारी के खिलाफ समुचित करवाई की अनुशंसा कर दी गयी है. साथ ही मैं झारखंड के सभी भाइयों/बहनों से अपील करना चाहूंगा की राज्य आपका है, यहां के कानून व्यस्था का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है.

देखें ट्वीट- 

बता दें कि हेमंत सोरेन के इस फैसले की ट्विटर पर कई यूजर्स काफी प्रशंसा भी कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा है-उम्मीद पर खरी उतरी सरकार, तो वहीं दूसरे यूजर ने लिखा है- आपसे यही उम्मीद थी, जबकि एक अन्य यूजर ने लिखा है- ये हुई न कमाल की बात. अब झारखंड ही नहीं, पूरा देश देखेगा कि युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में संविधान और लोकतंत्र की पुर्नबहाली की प्रकिया शुरु हुई. यह त्वरित कदम पूरी सरकारी मशीनरी के लिए स्पष्ट संकेत है कि लोकतंत्र में जनांदोलन के प्रति नकारात्मक रवैया उचित नहीं है. यह भी पढ़ें: झारखंड: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छोड़ी दुमका सीट, पत्नी कल्पना लड़ सकती हैं चुनाव

गौरतलब है कि पिछले महीने हेमंत सोरेन ने रांची में झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि वे दूसरी बार राज्य के सीएम बने हैं. राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी. ज्ञात हो कि हेमंत सोरेन ने दो विधानसभा सीटों (दुमका और बरहेट) से चुनाव लड़ा था और दोनों ही सीटों पर उन्हें जीत हासिल हुई थी. उन्होंने बरहेट सीट से बतौर विधायक शपथ ली और दुमका सीट छोड़ दी.