नक्सलियों पर लगाम लगाने वाले सुब्रमण्यम और वीरप्पन को ढेर करने वाले आईपीएस की जम्मू-कश्मीर में हुई तैनाती
सुब्रमण्यम और वीरप्पन को ढेर करने वाले विजय कुमार की जम्मू-कश्मीर में तैनाती (Photo Credit-Facebook)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद देश के कुछ सबसे चर्चित अधिकारियों को सूबे में बहाल किया गया है. छत्तीसगढ़ के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम को राज्यपाल ने मुख्य सचिव और पूर्व IPS अधिकारी विजय कुमार को राज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया है. बता दें कि राष्ट्रपति  रामनाथ कोविंद की ओर से मंजूरी मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर में बुधवार को तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है. गौरतलब है कि बेहद आश्चर्यजनक तरीके से बीजेपी (BJP) ने मंगलवार को खुद को प्रदेश की सत्तारूढ़ BJP-PDP गठबंधन सरकार से अलग कर लिया था. इसके बाद CM महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया. भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस लेते हुए कहा था कि राज्य में बढ़ती कट्टरता और आतंकवाद के बीच सरकार में बने रहना असंभव हो गया है.

ज्ञात हो की सुब्रमण्यम की गिनती देश के काबिल अधिकारियों में होती है और उन्हें नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति बहाल करने के लिए खास तौर पर जाना जाता है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) बी.वी.आर. सुब्रमण्यम का बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर भेजा गया है. जम्मू एवं कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद ऐसा किया गया है. मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने सुब्रमण्यम के तबादले को मंजूरी दे दी. सुब्रमण्यम 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह 2002 से 2007 तक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निजी सचिव रह चुके हैं.

छत्तीसगढ़ के गृह सचिव के पद पर रहते हुए उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया. 2017 में इस इलाके में 300 नक्सली मारे गए और 1000 से अधिक ने सरेंडर किया.

विजय कुमार ने किया था चंदन किंग का सफाया

दूसरी तरफ गवर्नर के सलाहकार नियुक्त किए गए पूर्व आईपीएस अधिकारी के. विजय कुमार जंगल में उग्रवाद निरोधक अभियान चलाने में माहिर माने जाते हैं. तमिलनाडु कैडर के 1975 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे कुमार 1998-2001 में बीएसएफ के महानिरीक्षक (आईजी) के तौर पर कश्मीर घाटी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

इसके साथ ही कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन को अक्टूबर 2004 में एक मुठभेड़ में मारा गया था, विजय कुमार ने ही उस टीम का नेतृत्व किया था. बीते चार दशक में यह आठवीं बार है जब राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया है और वर्ष 2008 से वोहरा के कार्यकाल में चौथी बार राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया है.