Lok Sabha Election 2024: इटावा लोकसभा सीट पर दिलचस्प मोड़, पति के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी बीजेपी सांसद की पत्नी!

इटावा लोकसभा सीट, जो लंबे समय से समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती थी, 2014 की मोदी लहर में बीजेपी के कब्जे में आ गई और तब से अब तक यहां कमल खिल रहा है. इस बार भी बीजेपी ने वर्तमान सांसद रामशंकर कठेरिया को ही मैदान में उतारा है. लेकिन इस सीट पर मुकाबला पहले से ही दिलचस्प था, और अब एक नया मोड़ आ गया है.

बीजेपी प्रत्याशी रामशंकर कठेरिया की पत्नी मृदुला कठेरिया ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगी.

2014, 2019 के बाद हैट्रिक की नजर में बीजेपी

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यह सीट जीती थी. इससे पहले यह सीट समाजवादी पार्टी के नियंत्रण में थी. 2014 के चुनाव में अशोक दोहरे सांसद चुने गए थे. इसके बाद 2019 के चुनाव में बीजेपी ने रामशंकर कठेरिया को टिकट दिया और वह जीत गए. इस बार भी बीजेपी ने उन पर ही भरोसा जताया है.

इटावा सीट का जातीय समीकरण

एटावा संसदीय क्षेत्र दलित मतदाताओं का वर्चस्व वाला क्षेत्र है. जिनकी संख्या साढ़े चार लाख से अधिक है. इसके बाद करीब 3 लाख ब्राह्मण मतदाता हैं. लगभग 1.25 लाख क्षत्रिय मतदाता हैं. ओबीसी की बात करें तो तोलोढ़ी मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. इसके बाद यादव, शाक्य और पाल मतदाताओं की संख्या आती है. वहीं, एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता भी हैं.

अब तक चुने गए सांसद

1957: अर्जुन सिंह भदौरिया (सोशलिस्ट पार्टी )

1962: कांग्रेस

1967: अर्जुन सिंह भदौरिया (सोशलिस्ट पार्टी)

1971: कांग्रेस

1977: अर्जुन सिंह भदौरिया (जनता पार्टी)

1980: राम सिंह शाक्य (जनता पार्टी)

1984: रघुराज सिंह (कांग्रेस)

1989: राम सिंह शाक्य (जनता दल)

1991: कांशी राम (बसपा)

1996: राम सिंह शाक्य (सपा)

1998: सुखदा मिश्रा (बीजेपी)

1999, 2004: रघुराज सिंह शाक्य (सपा)

2009: प्रेमदास कठेरिया

2014 से अबतक- बीजेपी

देखना दिलचस्प होगा कि इस बार एटावा की जनता किसे चुनती है और मृदुला कठेरिया का निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना क्या रंग लाता है.