हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजों (Haryana Assembly Election Results) के लिए मतगणना जारी है. अभी तक के रुझानों में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर चल रही है. बीजेपी 37 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं कांग्रेस 33 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. जेजेपी 10 सीटों पर आगे चल रही है. रुझानों में अभी तक किसी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. सत्ता धारी बीजेपी की सरकार खतरे में है. बीजेपी के 8 मंत्री पीछे चल रहे हैं. इनमें कैप्टन अभिमन्यु, ओमप्रकाश धनखड़, कृष्णलाल पंवार और रोहतक से मनीष ग्रोवर शामिल हैं. हरियाणा में इस समय राजनीतिक हलचल तेज हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां सरकार बनाने की हर संभव कोशिश कर रही है.
हरियाणा में सभी पार्टियों का पेच फंस गया है. ऐसे में जेजेपी किंगमेकर बनकर उभर सकती है. बीजेपी अपनी सत्ता बचाने के लिए उठापटक कर रही है तो वहीं कांग्रेस पांच साल बाद वापसी का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती. बीजेपी और कांग्रेस दोनों जेजेपी से संपर्क बनाने की कोशिश में जुटे हैं. कांग्रेस की तरफ से भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर फैसला छोड़ा गया है तो वहीं बीजेपी हाईकमान इस मसले पर मंथन कर रही है. सत्ताधारी बीजेपी के पिछड़ने के आखिर क्या कारण है. इस बारे में हम आपको बताते हैं.
कांग्रेस को आंकने की भूल
मजबूत बीजेपी के सामने बिखरी कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा. लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस का नेतृत्व पूरी तरह बिखर गया था. राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. कई बड़े नेता पार्टी का साथ छोड़ कर चले गए. इस बीच प्रचंड बहुमत में आई बीजेपी ने कांग्रेस में कम आंकने की भूल कर दी.
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ताबड़तोड़ प्रचार लेकिन कमजोर उम्मीदवार
हरियाणा के प्रचार में बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी. पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सभी हरियाणा के चुनावी मैदान में प्रचार के लिए उतरे. बीजेपी ने चुनाव प्रचार पर तो अपना सौ प्रतिशत दिया लेकिन पार्टी के उम्मीदवार चुनने में भूल की.
लोगों में बीजेपी को लेकर गुस्सा
हरियाणा के चुनाव में बीजेपी को पीछे लेकर जाने वाले कारणों में बेरोजगारी मुख्य है. सूबे में युवा वर्ग लगातार बढ़ती बेरोजगारी को लेकर गुस्से में थे. राज्य सरकार ने युवा वर्ग को रोजगार के मीठे सपने तो दिखाए लेकिन राज्य की बेरोजगारी पर कुछ असर नहीं पढ़ा. जेजेपी सहित सभी क्षेत्रीय पार्टियों ने बीजेपी को बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरा.
EVM को लेकर खट्टर का बयान
सूबे के सीएम मनोहर लाल खट्टर की बयानबाजी बीजेपी को भारी पड़ी. EVM को लेकर पूरा विपक्ष मोदी सरकार के विरोध में खड़ा रहा, इसी बीच मनोहर लाल खट्टर ने कहा EVM मतलब Every vote for Manohar/Modi. मतलब हर वोट मोदी को. इसके अलावा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए कई अभद्र शब्दों का उपयोग किया था, खट्टर ने एक बयान में सोनिया गांधी को चुहिया तक कह दिया था.