उत्तराखंड (Uttarakhand) विधानसभा चुनाव से राज्य में कांग्रेस के बीच खटपट नजर आ रही है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत (Harish Rawat) अपनी पार्टी से नाराज दिख रहे हैं. इस बात को खुद उन्होंने ट्वीट के जरिए सभी के सामने रखा है. हरीश रावत ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए. इस ट्वीट में हरीश रावत ने अपनी नाराजगी तो दिखाई ही साथ ही सियासी मैदान छोड़ने के भी संकेत दिए. Uttarakhand: हरीश रावत ने बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजपा को खुली बहस की चुनौती दी.
कांग्रेस के पूर्व सीएम ने ट्वीट किया, "है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है."
हरीश रावत की नाराजगी
है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है,
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
"जिस समुद्र में तैरना है सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं. जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!"
फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे. मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे."
हरीश रावत के इन ट्वीट को देखकर हर किसी के मन में सवाल उठ रहा है कि पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलों को खत्म करने का जिम्मा अपने कंधो पर उठाने वाले नेता क्या अब कांग्रेस से परेशान हो गए हैं? क्या नाराजगी के चलते वे पार्टी छोड़ देंगे?
हरीश रावत के ट्वीट के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. हरीश रावत के ये ट्वीट किस संदर्भ में हैं यह स्पष्ट नहीं हुआ है. देखना वाकई दिलचस्प होगा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत की नाराजगी कोई बड़ा तूफान लाती है या पार्टी आपसी बातचीत से ही इससे निपट लेगी.