नई दिल्ली: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया. वाजपेयी की हालत पिछले 24 घंटों में काफी बिगड़ गई थी और उन्हें पिछले तीन दिन से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. हालांकि एम्स प्रशासन की ओर से उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार की बात कही जा रही थी.
डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही थी. बुधवार देर रात एम्स के मीडिया विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर आरती विज की तरफ से हेल्थ बुलेटिन जारी किया गया था. जीसमें लिखा था, "पूर्व प्रधानमंत्री का पिछले 9 हफ्तों से एम्स में इलाज चल रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 24 घंटों में उनकी सेहत काफी बिगड़ गई है. उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है."
मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है।
हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2018
हालत नाजुक होने के बाद पीएम मोदी ने बुधवार शाम को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हालचाल लेने एम्स गए थे. पीएम मोदी के एम्स दौरे से पहले अस्पताल के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने उनसे मुलाकात कर वाजपेयी की सेहत से जुड़ी जानकारी दी थी. अटल बिहारी वाजपेयी का पुत्र बनने के लिए SC में दायर की याचिका, देखरेख की मांगी अनुमति
93 वर्षीय वाजपेयी एम्स के कार्डियोथोरेसिक एंड वास्कुलर सर्जरी इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती हैं. उन्हें पेशाब मार्ग में संक्रमण और छाती में तकलीफ की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती किया गया था. उन्हें पेशाब कम हो रहा है. उनके गुर्दे को सपोर्ट देने के लिए उन्हें इंजेक्शन के जरिए एंटीबायोटिक्स और स्लो डायलिसिस पर रखा गया है.
Former Prime Minister & Bharat Ratna #AtalBihariVaajpayee passes away in AIIMS. He was 93. pic.twitter.com/r12aIPF5G0
— ANI (@ANI) August 16, 2018
अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में थोड़े दिनों के लिए और फिर 1998 से 2004 तक प्रधानमंत्री रहे थे. लेकिन वह बीते एक दशक से अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से सक्रिय राजनीति से दूर हैं. उन्हें भारतीय राजनीति के 'भीष्म पितामह' के रूप में भी जाना जाता है यही कारण है कि उन्हें जनता, उनकी पार्टी और विपक्ष के नेता भी बेहद पसंद करते हैं.
अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे। ओम शांति !
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2018
वाजपेयी ने दिसंबर 2005 में सक्रिय राजनीति से रिटायरमेंट का ऐलान किया. अटल बिहारी वाजपेयी को 1992 में पद्म विभूषण, 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार, 1994 में श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार, 1994 में ही गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार और 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया.