लखनऊ, 11 सितम्बर: समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज करवाई गई है. इस बाबत एफआईआर दुष्कर्म की शिकायत करने वाली महिला के पूर्व वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी की ओर से करवाई गई है. प्रजापति को 2017 में दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और हाल ही मेडिकल ग्राउंड पर वह दो महीने की जमानत पर बाहर आए हैं. गाजीपुर के एसएचओ ब्रिजेश कुमार सिंह ने कहा कि एफआईआर आपराधिक धमकी और धोखाधड़ी के मामलों में दर्ज कराई गई है.
एफआईआर गाजीपुर पुलिस स्टेशन में गुरुवार को दर्ज कराई गई. त्रिपाठी ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला ने उसे सामूहिक दुष्कर्म मामले में फरवरी 2019 में प्रजापति और अन्य सह आरोपी के पक्ष में शपथपत्र दाखिल करने को कहा था और जब उन्होंने विरोध किया तो, महिला ने उन्हें गंभीर चेतावनी भुगतने की धमकी दी. त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि 26 मार्च 2019 को, अखबारों में उसके खिलाफ खबर प्रकाशित हुई और उसके बाद मामले के लिए उसने अलग वकील रख लिया.
वकील ने आरोप लगाया कि उसने मामले में अपना पक्ष बदलने के लिए प्रजापति से पैसे, प्लॉट और घर लिए. त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने महिला को उसके व्यवहार को कानून और न्याय की भावना के विपरीत बताया तो, महिला ने 19 जून में उनके खिलाफ चित्रकूट में मामला दर्ज करवा दिया. उन्होंने कहा, "पुलिस ने मामले में कुछ भी ठोस नहीं पाया और केस में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी." त्रिपाठी ने आरोप लगाया, "प्रजापति के बहकावे में आकर, उसने फिर गौतमपल्ली पुलिस स्टेशन में 7 जुलाई 2019 को मेरे खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवा दिया. उसने अपनी बेटी को भी प्रजापति के पक्ष में करने के लिए उससे आशियाना क्षेत्र में 1.5 करोड़ रुपये का प्लॉट ले लिया."
त्रिपाठी ने कहा कि प्रजापति जब जेल में था, तो महिला ने उन्हें प्रजापति से बात करने के लिए कहा. त्रिपाठी ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए कहा, "प्रजापति ने मुझे बाहर आने के बाद जान से मारने की धमकी दी थी. महिला ने भी प्रजापति के आदमियों से मुझे मरवाने की धमकी दी है. अब जब मैं घर से बाहर जाता हूं और वापस आता हूं, तो अज्ञात बदमाश मेरा पीछा करते हैं."