लोकसभा चुनाव 2019 (General Election 2019 ) से पहले सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को 21 विपक्षी पार्टियां द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करेगा. फ्री एंड फेयर चुनाव और पुख्ता व्यवस्था के सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की गई है. बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित 21 विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने 50 फीसदी EVM और VVPAT के निरिक्षण करने की मांग की है.
याचिका में मांग की गई है कि SC चुनाव आयोग को निर्देश दे के वे इस्तेमाल की जा रही EVM और VVPAT में से 50 फीसदी EVM में दर्ज मतों और उनकी जोड़ीदार VVPAT में मौजूद पर्चियों का औचक मिलान करे. यह भी पढ़ें- EVM पर सवाल उठा रहे विपक्ष को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने दिया जवाब, कहा- वापस बैलेट पेपर की तरफ नहीं जा रहे
बता दें कि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने पिछले महीने एक ज्ञापन चुनाव आयोग को सौंपा था. इस ज्ञापन में नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों में हुए विस चुनावों के मद्देनजर कई संदेहास्पद गतिविधियों के बारे में बताया गया था. पार्टियों ने कहा था कि ईवीएम और स्ट्रॉन्ग रूम के असुरक्षित होने और उससे छेड़छाड़ की खबरें मिली हैं. ज्ञापन में कहा गया था कि ऐसी खबरें भी हैं, जहां स्ट्रॉन्ग रूम में बिजली नहीं थी और सीसीटीवी भी काम नहीं कर रहा था.
याचिकाकर्ताओं में शरद पवार, केसी वेणुगोपाल, डेरेक ओ ब्राउन, शरद यादव, अखिलेश यादव, सतीश चंद्र मिश्रा, एमके स्टालिन, टीके रंगराजन, मनोज कुमार झा, फारुख अब्दुल्ला, एसएस रेड्डी, कुमार दानिश अली, अजीत सिंह, मोहम्मद बदरुद्दीन अजमल, जीतन राम मांझी, प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह आदि शामिल हैं.