मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा (Sunil Arora) ने शुक्रवार को बैलेट पेपेर (Ballot Paper) से चुनाव कराने की मांग से इंकार कर दिया. कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए बैलेट पेपर की तरफ लौटने की मांग की है. सुनील अरोड़ा ने कहा कि हम बैलेट पेपर के युग में वापस नहीं जा रहे हैं. दो दशक से भी अधिक समय से हमारे देश में ईवीएम मशीन का इस्तेमाल हो रहा है और यह काफी समय से ईसीआई (भारत निर्वाचन आयोग) की एक सुसंगत नीति रही है और मुझे लगता है कि यह नीति जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को अपनी प्रतिक्रिया देने और आशंका जाहिर करने का अधिकार है क्योंकि वह मतदाताओं के बाद सबसे बड़े हितधारक हैं. लेकिन, हम बैलेट-पेपर के दिनों में वापस नहीं जा रहे हैं. हम मतपत्र छीनने के दिनों में नहीं जा रहे हैं.
2019 लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों और अधिकारियों के साथ दो दिनों के विचार-विमर्श के बाद सुनील अरोड़ा मीडिया के साथ बातचीत कर रहे थे. चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के साथ-साथ उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा, संदीप सक्सेना, सुदीप जैन और चंद्रभूषण कुमार भी उपस्थित थे. पिछले महीने कोलकाता में विपक्षी दलों की ब्रिगेड रैली में, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने ईवीएम को "चोर मशीन" कहा था. अरोड़ा ने बताया, ‘‘छेड़छाड़ और खराबी के बीच अंतर है. उन्होंने कहा "हम बहुत ही हल्के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे कि वे समानार्थी हों. छेड़छाड़ और खराबी दो अलग-अलग चीजें हैं. आयोग खराबी को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता है. हम लगातार ईवीएम को अपग्रेड करने और उन्हें पूरी तरह सुरक्षित बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
अमेरिका स्थित एक स्वयंभू हैकर के हाल के दावे के बारे में पूछे जाने पर कि 2014 के चुनाव में ईवीएम में छेड़छाड़ कर धांधली की गई थी, अरोड़ा ने कहा कि ये दावे ‘‘झूठे’’ और ‘‘आपराधिक मंशा’’ से किये गए हैं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि ईवीएम का निर्माण ‘‘बेहद सुरक्षित’’ कंपनियां करती हैं. ये कंपनियां रक्षा उपकरण भी बनाती हैं और तकनीकी विशेषज्ञों का पैनल इनकी देखरेख करता है. यह भी पढ़ें- Budget 2019: किसानों को सिर्फ 500 रुपये प्रति महीने दिए जाने पर विपक्ष उठा रहा सवाल, पीयूष गोयल ने दिया ये जवाब
अरोड़ा ने कहा कि हाल ही में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में वीवीपैट का इस्तेमाल सफल रहा है और आगामी लोकसभा चुनावों में इसका इस्तेमाल पूरे देश में किया जाएगा. इससे पहले जब चुनाव आयोग की एक टीम बिहार के दो दिवसीय दौरे पर गई थी तब सुनील अरोड़ा ने कहा था कि चुनाव हारने वाले दल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ ‘फुटबॉल’ जैसा व्यवहार कर रहे हैं. अरोड़ा ने कहा था कि जहां तक ईवीएम से छेड़छाड़ का सवाल है तो वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ संभव नहीं है.
भाषा इनपुट