कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने दी पीएम मोदी को बधाई, बोले- उन्होंने इस मसले को हल करने के लिए जो बात कही वह स्वागत योग्य
फारूक अब्दुल्ला (Photo Credit- PTI)

भारत और पाकिस्तान (India And Pakistan) के बीच तनाव बढ़ाने वाले कश्मीर मसले (Kashmir Issue) को हल करने के लिए मध्यस्थता को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) द्वारा दिए गए बयान पर हंगामा मचा हुआ है. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि कश्मीर मसले को हल करने के लिए मध्यस्थता को लेकर पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने डोनाल्ड ट्रंप से कोई बात नहीं की है, जबकि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साध रहा है. वहीं कुछ नेता इस बात का स्वागत करते नजर आ रहे हैं.

मंगलवार को अजमेर शरीफ पहुंचे नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर की समस्या को हल करने के लिए मध्यस्थता की जो बात की है, वह उसका स्वागत करते हैं.

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं मोदी जी को बधाई देता हूं कि वे भी इस मसले को हल करने के लिए हर संभव कोशिश करना चाहते हैं जो भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि पीएम मोदी ने ट्रंप से बात की. यह भी पढ़ें: ट्रंप के बयान पर बवाल जारी: राहुल गांधी का पीएम मोदी पर हमला, कहा- प्रधानमंत्री देश को सच बताएं

फारूख अब्दुल्ला ने दी पीएम मोदी को बधाई- 

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि मोदी जी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी. ट्रंप के इस बयान पर इमरान खान ने कहा था कि अगर आप ऐसा करा सकें, तो अरबों लोग आपको दुआएं देंगे. यह भी पढ़ें: इमरान को नहीं है खुद पर भरोसा, भारत से कश्मीर विवाद सुलझाने के लिए चाहते हैं अमेरिकी बैसाखी

गौरतलब है कि ट्रंप के इस बयान के फौरन बाद भारत सरकार ने उनके इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच कश्मीर मसले पर मध्यस्थता को लेकर कोई ऐसी बात नहीं हुई है. यह भारत और पाकिस्तान का आपसी मसला है, जिसे द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही हल किया जाएगा.