नई दिल्ली, 17 दिसंबर. केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर जारी घमासान अब भी खत्म होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. यह पूरा मामला अब देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच चुका है. हालांकि आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई टल गई है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि वह किसानों का पक्ष जाने बगैर कोई निर्णय नहींकर सकते हैं. इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के एक बयान से साफ है किसानों की तरफ से अब भी सारे विकल्प खुले हैं. टिकैत ने कहा कि केंद्र बातचीत के लिए बुलाती है तो वो जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम कभी रास्ता बंद नहीं करते, पुलिस रास्ता बंद करती है. वे (केंद्र सरकार) बुलाएंगे तो हम जाएंगे (बातचीत के लिए). ऐसे में यह तय है कि अगर बातचीत होती है तो मामले का हल जरूर निकल सकता है. कृषि बिल को लेकर किसानों पा प्रदर्शन पिछले तीन सप्ताह से जारी है. राजधानी दिल्ली में किसानों ने मोर्चा संभाला हुआ है. यह भी पढ़ें-Farmers Protest: कृषि बिल को लेकर सियासत जारी, शिवराज सिंह ने विपक्ष पर बोला हमला, कहा-वो किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर चलाना चाहते हैं
ANI का ट्वीट-
हम कभी रास्ता बंद नहीं करते, पुलिस रास्ता बंद करती है। वे(केंद्र सरकार) बुलाएंगे तो हम जाएंगे(बातचीत के लिए): सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत #FarmersProtests pic.twitter.com/zoDhwSDXvC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 17, 2020
वहीं किसानों से जुड़ा यह मुद्दा होने के कारण विपक्ष भी लगातार किसानों की बात उठाते हुए केंद्र पर निशाना साध रहा है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में प्रदर्शनकारियों को सडकों से हटाने की मांग की गई थी. जिस पर कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि प्रदर्शन करना किसानों का हक है जिसमें कटौती नहीं की जा सकती है.