Farmers Protest: किसान आंदोलन लगातार 10वें दिन जारी, सरकार से पांचवें दौर की वार्ता आज
किसान आंदोलन (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली, 5 दिसंबर: नये कृषि काूननों को वापस लेने समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन शनिवार को 10वें दिन जारी है. हालांकि किसान संगठनों के नेता अपनी मांगों को लेकर आज फिर केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक में पहुंचेंगे. नये कृषि कानूनों के मसले पर सरकार के साथ उनकी यह पाचवें दौर की वार्ता होगी. वार्ता से पहले केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे हैं. पीएम आवास पर किसान आंदोलन का हल निकालने को लेकर मंथन चल रहा है जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद है.

सरकार ने किसानों की सारी समस्याओं पर गंभीरता से विचार करने की बात कही है और सरकार को उम्मीद है कि इस बैठक में मौजूदा गतिरोध दूर करने की दिशा में कोई नतीजा निकलेगा. सरकार ने नये कानून से राज्यों में कृषि उपज विपणन समिति द्वारा संचालित मंडियों को बचाने के मसले पर सुझाए गए प्रस्तावों पर विचार करने समेत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद जारी रखने आश्वासन दिया है.

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उधर, किसान संगठनों के नेता कृषि से संबंधित तीनों नये कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि किसानों को इन तीनों कानूनों से कोई फायदा नहीं है, इसलिए इन्हें वापस लिया जाए. किसान नेताओं को नये कृषि कानूनों में संशोधन के सरकार का प्रस्ताव मंजूर नहीं है. हालांकि, वे बातचीत के लिए आज (शनिवार) दोपहर दो बजे विज्ञान-भवन पहुंचेंगे.

सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) से जुड़े किसान नेता गुरविंदर सिंह कूल कलान ने आईएएनएस से कहा कि उनकी पहली मांग यही है कि सरकार इन तीनों कानूनों को वापस ले. उन्होंने कहा कि जब तक तीनों कानूनों को सरकार वापस नहीं लेगी तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.

किसान नेताओं ने कहा कि तीनों कानूनों को वापस लेने के साथ-साथ वे किसानों से सभी फसलें की खरीद एमएसपी पर खरीद करने की गारंटी चाहते हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री का कहना है कि अगर किसान यूनियनों की मांग पर सरकार एमएसपी पर खरीद जारी रखने का लिखित आश्वासन देने को तैयार है. हालांकि किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि एमएसपी पर लिखित आश्वासन नहीं बल्कि उन्हें नया कानून चाहिए कि हर फसल की खरीद एमएसपी पर हो.

किसान संगठनों के नेता पराली दहन को लेकर लाए गए अध्यादेश में कठोर दंड व जुमार्ना समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. गुरविंदर सिंह ने कहा, "हम इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं." साथ ही, वे बिजली संशोधन विधेयक 2020 भी वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि बिजली वितरण निजी हाथों में जाने से उन्हें मुफ्त बिजली नहीं मिल पाएगी. किसानों की मांग की फेहरिस्त और भी लंबी है. वे स्वामीनाथन समिति की सिफारिश के मुताबिक सी-2 के फामूर्ले पर एमएएसपी घोषित करने की भी मांग कर रहे हैं.

किसान नेता दोपहर 12 बजे प्रदर्शन स्थल सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन के लिए रवाना होंगे. इससे पहले चैथे दौर की वार्ता की विज्ञान भवन में ही तीन दिसंबर को हुई थी. उस वार्ता में सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ-साथ रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश के अलावा कृषि एवं खाद्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. जानकारी के अनुसार, आज की वार्ता में भी सरकार की ओर से तीनों केंद्रीय मंत्री व अधिकारी मौजूद होंगे.