Fake Birth Certificate Case: रामपुर (एमपी-एमएलए) कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में समाजवादी पार्टी नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा एवं बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई है. इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है. अखिलेश ने कहा कि आजम खान दूसरे धर्म के हैं. इसलिए अन्याय हो रहा है. उनके खिलाफ षड्यंत्र एवं साजिश की गई है. उन्होंने कहा कि आजम खान मुस्लिम हैं, इसलिए इस तरह की सजा का सामना उन्हें करना पड़ा है.
उन्होंने कहा कि आजम खान के साथ बड़ी साजिश हो रही है. साजिशन ये सब हो रहा है. आजम खान का धर्म दूसरा इसलिए अन्याय हो रहा है. उन्होंने यूनिवर्सिटी बना दी, इसलिए भी हो रहा अन्याय हो रहा है. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी चाहती है कि कोई अच्छा काम न करे, जहां जाति की और धर्म की नफरत फैलानी है. फैलाएं, बस काम नही करें. Fake Birth Certificate Case: फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, अब्दुल्ला और तंजीम फातिमा दोषी करार, तीनों को 7-7 साल की कैद
माननीय आज़म खान जी और उनके परिवार को निशाना बनाकर समाज के एक पूरे हिस्से को डराने का जो खेल खेला जा रहा है, जनता वो देख भी रही है और समझ भी रही है। कुछ स्वार्थी लोग नहीं चाहते हैं कि शिक्षा-तालीम को बढ़ावा देनेवाले लोग समाज में सक्रिय रहें। इस सियासी साज़िश के ख़िलाफ़ इंसाफ़ के…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 18, 2023
3 जनवरी, 2019 को बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने रामपुर के गंज पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि कि आजम खान एवं उनकी पत्नी ने अपने बेटे के दो फर्जी जन्मतिथि प्रमाणपत्र प्राप्त हासिल किए हैं. प्राथमिकी में आजम खान और उनकी पत्नी पर एक जन्म प्रमाणपत्र लखनऊ से और दूसरा रामपुर से प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था.
आरोप के अनुसार रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में, अब्दुल्ला आजम की जन्म की तारीख एक जनवरी, 1993 और दूसरे प्रमाणपत्र के अनुसार जन्म 30 सितंबर, 1990 में लखनऊ है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर स्वार निर्वाचन क्षेत्र से अब्दुल्ला आजम ने जीत हासिल की थी, लेकिन मुरादाबाद कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम को 2008 में दोषी ठहराया था और सजा दी थी.
यूपी विधानसभा से दोषसिद्धि और सजा के दो दिन बाद अब्दुल्ला आजम को अयोग्य करार दिया गया. उसके बाद अब्दुल्ला आजम ने सजा पर रोक के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन वह भी खारिज हो गई थी.