Fake Birth Certificate Case: फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, अब्दुल्ला और तंजीम फातिमा दोषी करार, तीनों को 7-7 साल की कैद
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समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. रामपुर की एमपी-एमएलएल कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने तीनो दोषियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है.

बता दें कि फेक बर्थ सर्टिफिकेट का यह केस 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा है. तब अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उनकी जीत भी हुई थी, हालाकिं चुनावी नतीजों के बाद उनके खिलाफ हाई कोर्ट में केस दाखिल कर दिया गया. आरोप लगा कि अब्दुल्ला आजम ने चुनावी फार्म में जो उम्र बताई है, असल में उनकी उम्र उतनी नहीं है. ये भी पढ़ें- MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश में हाथी की चाल पर तय होंगे चुनावी नतीजे

शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला का डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 1993 है, जबकि बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को बताया गया है. यह मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचने के बाद इस पर सुनवाई शुरू हुई थी और अब्दुल्ला की तरफ से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया था. इसके बाद स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया गया था.

अब्दुल्ला आजम पर पहले जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने और विदेशी दौरे करने के साथ ही सरकारी उद्देश्य के लिए दूसरे प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने का भी आरोप है. इसके अलावा उन पर जौहर विश्वविद्यालय के लिए भी इसका उपयोग करने का आरोप है.

आरोप है कि अब्दुल्ला आजम के पास दो अलग-अलग बर्थ सर्टिफिकेट हैं. एक 28 जून 2012 को रामपुर नगर पालिका ने जारी किया गया है, जिसमें रामपुर को अब्दुल्ला के जन्मस्थान के रूप में दिखाया गया है. वहीं दूसरा बर्थ सर्टिफिकेट जनवरी 2015 में जारी किया गया, जिसमें लखनऊ को उनका जन्मस्थान बताया गया है.