MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश में हाथी की चाल पर तय होंगे चुनावी नतीजे
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भोपाल, 18 अक्टूबर : मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में बहुजन समाज पार्टी की बड़ी भूमिका रहने वाली है. उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्र में बसपा चुनावी नतीजे पर खासा असर डालती है. राज्य के उस इलाके पर गौर करें जो उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़ा हुआ है मसलन ग्वालियर- चंबल, विंध्य और बुंदेलखंड, यह वो इलाके हैं जहां की लगभग तीन दर्जन सीटें उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़ी हुई हैं. इन सीटों पर मुकाबला तो कांग्रेस और भाजपा के बीच होता है, मगर बहुजन समाज पार्टी को मिलने वाले वोट नतीजे को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं.

यही कारण है कि दोनों राजनीतिक दलों की बसपा पर नजर है और बसपा भी इन दोनों दलों के बागियों को अपने से जोड़ने की कोशिश में है. राज्य में हुए पिछले विधानसभा चुनाव पर गौर किया जाए तो यह बात साफ हो जाती है कि बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक जब बढ़ा है तो कांग्रेस को नुकसान हुआ है और भाजपा को फायदा और जब भी बसपा के वोट बैंक में गिरावट आई है तो उसका लाभ कांग्रेस को हुआ है. यह भी पढ़ें : Madhya Pradesh: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की, देखें वीडियो

बात 2008 के चुनाव की करें तो बसपा को 9 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे. जिसके चलते भाजपा बढ़त में थी, वहीं 2013 के चुनाव में बसपा को 6 फीसदी से ज्यादा वोट मिले और भाजपा बढ़त में रही. वहीं 2018 में बसपा का प्रतिशत गिरकर 5 के करीब हुआ तो कांग्रेस को बढ़त मिली. यह इस बात के संकेत हैं कि बसपा का वोट बैंक बढ़ता या घटता, चुनावी नतीजे को प्रभावित करता है. राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग का वोट बैंक साढ़े 15 फ़ीसदी से ज्यादा है और इस वर्ग के लिए राज्य में 35 सीटें आरक्षित हैं.

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इन सीटों में से कांग्रेस को 18 पर और भाजपा को 17 पर जीत मिली थी. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो उनका कहना है कि राज्य के विधानसभा चुनाव में पूरे राज्य पर तो बीएसपी असर नहीं डालती है, मगर उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे क्षेत्र पर बसपा का असर रहता है. यही कारण है कि बसपा के वोट प्रतिशत के घटने और बढ़ने पर चुनावी नतीजे सीधे असर डालते हैं. इस बार बसपा ने गोंगपा से गठबंधन किया है जिसके चलते बसपा का वोट बैंक और भी बढ़ सकता है.