पणजी. केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने विश्वास जताया है कि भारत जल्द ही आयुर्वेदिक पद्धति से कोरोना वायरस के रोगियों का इलाज करेगा. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक प्रामाणिकता नहीं मिलने पाने के कारण भारत की इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति का मौजूदा संकट के दौरान केवल ऐहतियाती उपाय के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. नाईक ने अपने विवादित दावे को फिर से दोहराया कि कोविड-19 से संक्रमित ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति से हुआ है.
मंत्री ने कहा कि प्रिंस चार्ल्स इस दावे को इसलिये खारिज कर रहे हैं क्योंकि पश्चिमी देशों में आयुर्वेद स्वीकार्य नहीं है. इससे पहले नाईक ने कहा था कि बेंगलुरु के रहने वाले चिकित्सक ने चार्ल्स का इलाज किया है. नाईक ने पीटीआई को दिये साक्षात्कार में कहा कि प्रिंस चार्ल्स इस दावे को इसलिये खारिज कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इसे स्वीकार करने में कुछ दिक्कतें आ रही होंगी। उनके देश में आयुर्वेद का मान्यता नहीं मिली हुई.यह भी पढ़े-कोरोना से संक्रमित प्रिंस चार्ल्स आर्युवेद और होम्योपैथी से ठीक हुए: केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नाइक
उन्होंने कहा, ''उनके लिये इसे खारिज करना स्वाभाविक है। मुझे एक सौ एक प्रतिशत विश्वास है कि आयुर्वेद से ही उनका इलाज हुआ है. हालांकि मंत्री ने यह नहीं बताया कि क्या कोई विशिष्ट आयुर्वेदिक दवा है जिससे प्रिंस चार्ल्स कथित रूप से ठीक हुए हैं. नाइक ने कहा कि एक बार आयुर्वेद के कुछ नुस्खों को वैज्ञानिक प्रमाणिकता मिल जाए, उसके बाद देश आयुर्वेद के जरिये कोविड-19 के रोगियों के इलाज के लिये तैयार है।