मध्य प्रदेश के सियासी संकट के बीच भोपाल लौटे विधायकों की होगी मेडिकल जांच, फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस
सीएम कमलनाथ (Photo Credit-PTI)

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में राजनीतिक उठापटक जारी है. इस बीच राज्य में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान में कमलनाथ सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करना है. लेकिन इससे पहले भोपाल लौटे सभी विधायकों का अब कोरोना वायरस का टेस्ट होगा. मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, 'राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की गई कि हमारे विधायक जो जयपुर से आए हैं, उनका मेडिकल टेस्ट किया जाना चाहिए. साथ ही हरियाणा और बेंगलुरु में रहने वाले विधायकों का भी मेडिकल टेस्ट किया जाना चाहिए.' पीसी शर्मा ने कहा कि भोपाल लौटे सभी विधायकों का कोरोना वायरस का टेस्ट होगा.

इस बीच मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा है कि वो उन विधायकों का इंतजार कर रहे हैं, जिन्होंने इस्तीफा भेजा था. स्पीकर ने कहा कि वो विधायक मेरे पास नहीं आ रहे हैं लेकिन दूसरी जगहों पर जा रहे हैं. मैं चिंतित हूं कि उन विधायकों के साथ क्या हो रहा है. फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं, आपको कल ही इस बारे में पता चल जाएगा. मैं आपको अपने फैसले के बारे में पहले से नहीं बताऊंगा. यह भी पढ़ें- सीएम कमलनाथ बचा पाएंगे सरकार? जानें क्या कहते हैं आंकड़े.

कुल मिलकर अभी तक यह फाइनल नहीं है कि सोमवार को फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं. बहुमत परीक्षण से पहले भोपाल के जिला प्रशासन ने सार्वजनिक जगहों पर पांच या उससे ज्यादा लोगों के एक जगह इक्ट्ठा होने पर रोक लगा दी है. इसके लिए राजधानी के कई हिस्सों में धारा 144 लागू की गई है. यहां 16 मार्च से 13 अप्रैल तक ये स्थिति बनी रहेगी.

कोरोना के डर के चलते अभी तक इस बात का फैसला नहीं हो सका है कि सदन का सत्र होगा भी या नहीं. मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं. इसी के साथ राज्य में सियासी सरगर्मी एक बार फिर से बढ़ गई है. अब देखना यह होगा कि सोमवार को मध्य प्रदेश की सियासत में कौनसा तूफान आता है.