नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Law) को भेदभाव भरा बताते हुए कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बीजेपी (BJP) सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने बीजेपी सरकार पर आम जनता की आवाज को दबाने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र जनता की उपेक्षा करते हुए उनकी असंतोष की आवाज को दबाने के लिए क्रूरता से सुरक्षा बलों का उपयोग कर रही है.
नागरिकता कानून के खिलाफ शुक्रवार शाम कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक विडियो संदेश जारी किया. इसमें उन्होंने कहा कि ‘नागरिकता संशोधन कानून भेदभावपूर्ण है. नोटबंदी की तरह एक बार फिर एक-एक व्यक्ति को अपनी एवं अपने पूर्वजों की नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा. नागरिकता संशोधन कानून: उत्तर प्रदेश में 3000 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार, इंटरनेट सेवा निलंबित
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि लोकतंत्र में लोगों को सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने और अपनी चिंताओं को जाहिर करने का अधिकार है. लेकिन बीजेपी सरकार ने लोगों की आवाज को दबाने के लिए सख्ती से सुरक्षा बलों का उपयोग किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां देशविरोधी हैं. इसलिए कांग्रेस देश के लोगों और संविधान के हक में खड़ी है.
In a democracy people have the right to raise their voice against wrong decisions & policies of the govt & register their concerns… BJP govt has shown utter disregard for people’s voices & chosen to use brute force to suppress dissent: CP Smt. Sonia Gandhi #IndiaAgainstCAA pic.twitter.com/5AKOpn76Dx
— Congress (@INCIndia) December 20, 2019
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार पर सोनिया गांधी की एक टिप्पणी पर पलटवार करते हुए सोमवार को केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राजनीतिक लाभ के लिए ‘‘मगरमच्छ के आँसू’’ बहा रही हैं. इससे पहले सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हिंसा और बंटवारे की जननी बन जाने का आरोप लगाया था.
सीतारमण ने छात्रों के बारे में कांग्रेस के इतिहास पर भी सवाल उठाते हुए पूछा था कि क्या ऐसा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन में नहीं था कि दिल्ली के एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों को तिहाड़ जेल भेजा गया था. बीजेपी नेता ने कहा कि पुलिस ने तब विश्वविद्यालय में प्रवेश किया था और पूरे शैक्षणिक वर्ष को शून्य घोषित करना पड़ा था.