नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार गिरने पर बीजेपी को घेरने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर अब किरन रिजिजू ने पलटवार किया है. केंद्रीय मंत्री ने न सिर्फ राहुल गांधी, बल्कि उनके परिवार और पार्टी तक को लपेटे में ले लिया.जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गयी है. बता दें कि राहुल पर पलटवार करते हुए रिजिजू ने कहा कि सरदार पटेल ने सभी रियासतों का हल किया, लेकिन नेहरू ने कश्मीर का चार्ज लिया और उसे और जटिल बना दिया. रिजिजू ने कश्मीर में परेशानी को नेहरू की देन बताते हुए कहा कि वहां हजारों लोगों की हत्या कर दी गई, कश्मीरी पंडितों को काट डाला गया, जबकि एक लाख 60 हजार से ज्यादा बेघर हो गए. रिजिजू ने कहा कि इन सबके लिए आपकी पार्टी और परिवार जिम्मेदार हैं और आप बीजेपी पर अंगुली उठा रहे हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी के गठबंधन की सरकार गिरने पर ट्वीट कर हमला बोला था.
Sardar Patel ji solved all other regions. Nehru ji took charge of Kashmir & created more trouble. Thousands of people were killed, Kashmiri Pandits were slaughtered while more than 1,60,000 were forced out. Your family & party ruined Kashmir & you are accusing BJP? https://t.co/ifKykB6uiA
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) June 20, 2018
The opportunistic BJP-PDP alliance set fire to J&K, killing many innocent people including our brave soldiers. It cost India strategically & destroyed years of UPA’s hard work. The damage will continue under President’s rule. Incompetence, arrogance & hatred always fails.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 19, 2018
राहुल ने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा और पीडीपी का अवसरवादी गठबंधन के चलते कश्मीर में अशांति बढ़ी, कई निर्दोष लोग और सेना के बहादुर जवान मारे गए. यह भारत के लिए रणनीतिक तौर पर नुकसानदेह और यूपीए सरकार के सारे प्रयासों को तबाह करने वाला रहा है. कश्मीर में हुई यह क्षति राज्यपाल शासन लागू होने पर भी चालू रहेगी. राहुल ने अपने ट्वीट में कहा कि अक्षमता, अहंकार और घृणा हमेशा विफल होते हैं.
इसी कड़ी में महबूबा मुफ्ती सरकार गिरने के बाद बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में राज्यपाल शासन को मंजूरी दे दी है. बीजेपी ने मंगलवार को राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद महबूबा मुफ्ती ने अपना इस्तीफा राज्यपाल एनएन वोहरा को सौंप दिया था.