मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh) के पत्र के बाद से महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में भूकंप आ गया है. विरोधी पक्ष, राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के इस्तीफे की मांग करने लगी थी. मामले को बढ़ता देख सोमवार को एनसीपी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने प्रेसवार्ता कर अपनी सफाई दी. मंगलवार को विरोधी पक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने इस मुद्दे पर अपना मत रखा. उन्होंने शरद पवार पर हमला बोलते हुए कहा कि एनसीपी प्रमुख को अंधेरे में रखा और उन्हें सही जानकारी नहीं दी गई.
फडणवीस ने कहा कि परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जो आरोप लगाए हैं, वो बेहद गंभीर हैं. देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया, ''पुलिस के पास 15 और 24 फरवरी के देशमुख के मुवमेंट के दस्तावेज भी हैं. 15 से 27 फरवरी के बीच गृह मंत्री जो होम क्वारंटीन थे, वो आइसोलेशन में नहीं थे. कई लोग उनसे मिले हैं. मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी में देशमुख के खिलाफ सबूत हैं.''
कल आदरणीय पवार साहब को सही ब्रीफिंग नहीं दी गई थी, एक राष्ट्रीय नेता के मुंह से गलत बातें कहलवाई गईं। 15 से 27 फरवरी के बीच गृह मंत्री जो होम क्वारंटीन थे, वो आइसोलेशन में नहीं थे। कई लोग उनसे मिले हैं: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस pic.twitter.com/IhGSdquoQA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 23, 2021
फडणवीस ने कहा, ''अब अनिल देशमुख को बचाने की पोल खुल गई है. शरद पवार जैसे राष्ट्रीय नेता को इस मामले की सही जानकारी नहीं दी गई और उनके मुंह से गलत बातें निकलवाईं गईं.'' उन्होंने कहा कि मैं आज दिल्ली जाकर गृह सचिव को इस मामले की रिपोर्ट सौपूंगा और उनसे इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करूंगा.
बता दें कि, देवेंद्र फडणवीस राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग का एक रैकेट चल रहा है. उन्होंने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री रहने पर ऐसी खबरें सामने आई थीं और हमारी सरकार ने इस पर सख्त कार्यवाही की थी. फडणवीस ने दावा किया कि उनके पास फोन कॉल रिकॉर्डिंग है, जो साफ करता है कि इससे जुड़ी कई जानकारियां मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास पहले से थीं.