BJP ने नार्थ MCD में भ्रष्टाचार के महल को बचाने के लिए जारी किया सर्कुलर, अब मेयर तय करेंगे कि जनता से जुड़े पार्षदों के सवालों का जवाब देना है या नहीं: दुर्गेश पाठक
दुर्गेश पाठक (Photo Credits: Instagram)

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा द्वारा एमसीडी में खड़ा किया गया भ्रष्टाचार का महल अब ढहने की कगार पर है और अपने महल को बचाने के लिए उसने एक सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर के मुताबिक, अब मेयर तय करेंगे कि जनता से जुड़े पार्षदों के सवालों का जवाब देना है या नहीं देना है. दुर्गेश पाठक ने कहा कि अभी तक निगम पार्षद जनता से जुड़े सवाल एमसीडी के पटल पर रखते थे और एमसीडी उनका जवाब देने के लिए बाध्य थी. भाजपा अब तानाशाही पर उतर आई है और एमसीडी में लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है. आजाद भारत में शायद ही किसी हाउस ने ऐसा तुगलकी फरमान जारी किया होगा. नार्थ एमसीडी के मेयर ने एमसीडी को अपनी प्राइवेट कंपनी बना दिया है. उन्होंने कहा कि यह सर्कुलर लोकतंत्र के साथ मजाक है और भाजपा को वोट देने वाले लोगों के साथ विश्वासघात है. आम आदमी पार्टी इसका विरोध करती है और इसे तत्काल वापस लेने की मांग करती है.

पार्टी मुख्यालय में आज आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले 14 सालों में नगर निगम के भीतर भारतीय जनता पार्टी ने जो भ्रष्टाचार का एक महल खड़ा किया है, अब वह गिरता हुआ नजर आ रहा है और अपने उसी महल को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी अब तानाशाही पर उतर आई है. भारतीय जनता पार्टी नगर निगम के भीतर से लोकतंत्र को खत्म कर देना चाहती है. उन्होंने कहा कि अब तक नगर निगम में जो विधि थी, उसके तहत जनता द्वारा चुने गए निगम पार्षद जनता के हक से संबंधित कोई भी प्रश्न निगम में सदन के समक्ष प्रस्तुत करते थे और निगम उस प्रश्न का उत्तर देने के लिए बाध्य था. परंतु भ्रष्टाचार में डूबी भारतीय जनता पार्टी को अब इन प्रश्नों से डर लगने लगा है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर श्री जयप्रकाश जी द्वारा जारी किए गए एक सर्कुलर का हवाला देते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि इस सर्कुलर के मुताबिक, अब मेयर साहब यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी निगम पार्षद द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब देना है या नहीं देना है. यह भी पढ़े: आप नेता दुर्गेश पाठक का आरोप- नार्थ MCD में प्राॅपर्टी टैक्स के 1400 करोड़ रुपए बीजेपी नेताओं के भ्रष्टाचार में चला जाता है, इसीलिए कर्मचारियों सैलरी और पेंशन नहीं मिल रही

अर्थात संविधान ने जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को निगम के सदन से प्रश्न पूछने का जो अधिकार दिया था, उसको छीनने का काम मेयर साहब ने किया है. ऐसा प्रतीत होता है कि मेयर साहब ने नगर निगम को अपनी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना लिया है. दुर्गेश पाठक ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में शायद ही किसी सदन ने इस प्रकार का तुगलकी फरमान जारी किया होगा कि जनता के अधिकारों से संबंधित किन प्रश्नों का जवाब देना है और किन प्रश्नों का जवाब नहीं देना है, यह मैं तय करूंगा.दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले कुछ महीने में आम आदमी पार्टी के निगम पार्षदों ने जनता के अधिकारों से संबंधित विभिन्न प्रश्न पूछे, परंतु भाजपा शासित नगर निगम की ओर से एक भी प्रश्न का जवाब आज तक नहीं दिया गया है. यह समझ से बिल्कुल ही परे है कि भाजपा प्रश्नों का उत्तर देने से इतना क्यों डर रही है? पूर्व में आम आदमी पार्टी के निगम पार्षदों द्वारा पूछे गए कुछ प्रश्नों का उदाहरण दुर्गेश पाठक ने मीडिया के समक्ष रखा जो कि निम्न प्रकार से हैं-

1) विज्ञापन के ठेकेदारों पर नगर निगम का कितना पैसा बकाया है?

2) जो सफाई कर्मचारी कई वर्षों से नगर निगम में अस्थाई रूप से काम कर रहे हैं, उनको पक्का क्यों नहीं किया?

3) जो डीबीसी कर्मचारी हैं, उनको अभी तक पक्का क्यों नहीं किया गया?

4) बड़े-बड़े बिल्डरों और बड़ी-बड़ी प्राइवेट प्रॉपर्टीज पर नगर निगम का कितना हाउस टैक्स बकाया है?

दुर्गेश पाठक ने कहा कि यह तमाम प्रश्न दिल्ली की जनता के जनजीवन से जुड़े हुए हैं और इन तमाम प्रश्नों का जवाब देना भारतीय जनता पार्टी शासित नगर निगम का दायित्व बनता है. परंतु भाजपा ने इनमें से एक भी प्रश्न का जवाब नहीं दिया. भाजपा के मेयर साहब द्वारा जारी किए गए इस सर्कुलर से ऐसा प्रतीत होता है कि अब भाजपा तय करेगी कि लोकतंत्र को किस प्रकार से चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए जिन लोगों ने अपनी शहादत दी, आज भारतीय जनता पार्टी की तानाशाही को देखकर उनको भी रोना आ रहा होगा. यह भी पढ़े: MCD द्वारा रिटायर कर्मचारियों को पेंशन नहीं देने पर आप ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा- सत्ताधारी पार्टी ना करें सियासत 

भाजपा के नेताओं से प्रश्न पूछते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि यदि आपने कुछ गलत नहीं किया, कोई भ्रष्टाचार नहीं किया, तो प्रश्नों के उत्तर देने से भारतीय जनता पार्टी क्यों बच रही है? एक तरफ तो पूरे देश में सूचना का अधिकार कानून लागू है और दूसरी तरफ दिल्ली में भाजपा शासित नगर निगम तमाम नियमों को ताक पर रखकर अपनी तानाशाही चला रही है. दुर्गेश पाठक ने कहा कि इतिहास गवाह है, जब-जब किसी राजा ने जनता की आवाज को दबाने की कोशिश की है, तो यह इशारा होता है कि अब उस राजा की सत्ता का पतन शुरू हो चुका है. भाजपा के मेयर साहब द्वारा जारी किया गया, यह सर्कुलर लोकतंत्र के साथ एक मजाक है, दिल्ली के जिस जनता ने भारतीय जनता पार्टी को वोट देकर निगम की सत्ता में बैठाया, उस जनता के साथ विश्वासघात है, यह देश के संविधान के साथ खिलवाड़ है. आम आदमी पार्टी इस सर्कुलर का पूरी तरह से विरोध करती है और मीडिया के माध्यम से भाजपा के उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर साहब से अनुरोध करती है, कि तुरंत प्रभाव से इस आदेश को वापस लें.