Maharashtra: सीएम पर कहां अटकी बात? निर्मला सीतारमण और विजय रुपाणी जाएंगे मुंबई
Eknath Shide, Devendra Fadnavis | PTI

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों गहमा-गहमी है. बीजेपी ने राज्य में विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Vijay Rupani) को इस जिम्मेदारी के लिए चुना है. ये दोनों नेता मुंबई पहुंचेंगे और विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेकर नए मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बनाएंगे.

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5 दिसंबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह

महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित होगा. शाम 5 बजे होने वाले इस समारोह से पहले, 4 दिसंबर को विधायक दल की बैठक संभावित है. इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायकों से बातचीत करेंगे और नए मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगे. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि 5 दिसंबर को केवल मुख्यमंत्री शपथ लेंगे या उनके साथ डिप्टी मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री भी शामिल होंगे.

महायुति की बैठक और सत्ता का गणित

बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) भी शामिल हैं. इससे पहले महायुति के नेताओं की एक बड़ी बैठक होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अस्वस्थता के कारण यह बैठक स्थगित कर दी गई. इस बैठक में मुख्यमंत्री के चेहरे और पावर शेयरिंग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी.

सीएम पद के लिए देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे

बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे मजबूत माना जा रहा है. पार्टी नेताओं का कहना है कि उनका नाम लगभग तय हो चुका है. वहीं, एनसीपी नेता अजित पवार ने संकेत दिया है कि मुख्यमंत्री बीजेपी से होगा और डिप्टी मुख्यमंत्री पद शिवसेना और एनसीपी को मिल सकता है.

महायुति का शानदार प्रदर्शन

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से महायुति गठबंधन ने 233 सीटों पर जीत दर्ज की है. इसमें बीजेपी ने 132 सीटें जीती हैं, जो इसे सबसे बड़ी पार्टी बनाती है. शिवसेना (शिंदे गुट) ने 57 और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने 41 सीटें अपने नाम की हैं. यह प्रदर्शन गठबंधन की ताकत को दर्शाता है.

आगामी दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में कई अहम फैसले लिए जाएंगे. 4 दिसंबर को विधायक दल की बैठक और 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह पर सबकी निगाहें टिकी हैं. अब देखना होगा कि बीजेपी और महायुति गठबंधन किस रणनीति के तहत सत्ता का संतुलन बनाए रखते हैं और प्रदेश को एक स्थिर सरकार देते हैं.