बिहार (Bihar) में कई जिले बाढ़ (Floods) की चपेट में हैं. एक तरफ बाढ़ के कारण लोगों की जिंदगी बेहाल है तो वहीं, दूसरी तरफ अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बाढ़ को लेकर नीतीश सरकार (Nitish Kumar) पर जमकर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा, 'बिहार के 15 जिले बाढ़ की चपेट में हैं! उत्तर बिहार की नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं! जान, माल, फसल, मवेशी का लगातार नुकसान हो रहा है! पर आत्ममुग्ध सरकार व बेपरवाह प्रशासन मदमस्त है! आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होने की इन्हें क्यों चिंता होगी? आखिर दोष प्रकृति को जो देना है.'
तेजस्वी यादव ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, 'बाढ़ की विभीषिका से निपटने के सरकारी दावों की कलई पहले हफ्ते ही खुल गई! दावे अपनी जगह है और "सुशासन" के दीमकों की कमाई अपनी जगह! हर वर्ष बाढ़ राहत व बचाव, तटबंध निर्माण, पुनर्वास के नाम पर अरबों के घालमेल व बंदरबांट "सुशासन" की पहचान जो है! CM अब प्रकृति को दोषी ठहराएंगे.' तेजस्वी यादव ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, 'नीतीश सरकार असम्भव हवाई सर्वेक्षणों की सरकार है! ऐसी उन्नत तकनीक NASA के पास भी नहीं! CM चमकी बुखार, लू का हवाई सर्वेक्षण करते हैं तो मंत्री सूखाग्रस्त क्षेत्रों में अदृश्य बाढ़ से निपटने की तैयारियों का हवाई सर्वेक्षण करते हैं! धरातल की वास्तविक पीड़ा से कोई सरोकार नहीं!'
बिहार के 15 जिले बाढ़ की चपेट में हैं! उत्तर बिहार की नदियाँ खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं! जान, माल, फसल, मवेशी का लगातार नुकसान हो रहा है!
पर आत्ममुग्ध सरकार व बेपरवाह प्रशासन मदमस्त है! आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होने की इन्हें क्यों चिंता होगी? आख़िर दोष प्रकृति को जो देना है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 14, 2019
बाढ़ की विभीषिका से निपटने के सरकारी दावों की कलई पहले हफ्ते ही खुल गई!
दावे अपनी जगह है और "सुशासन" के दीमकों की कमाई अपनी जगह!
हर वर्ष बाढ़ राहत व बचाव, तटबंध निर्माण, पुनर्वास के नाम पर अरबों के घालमेल व बंदरबांट "सुशासन" की पहचान जो है!
CM अब प्रकृति को दोषी ठहराएँगे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 14, 2019
नीतीश सरकार असम्भव हवाई सर्वेक्षणों की सरकार है!
ऐसी उन्नत तकनीक NASA के पास भी नहीं!
CM चमकी बुखार, लू का हवाई सर्वेक्षण करते हैं तो मंत्री सूखाग्रस्त क्षेत्रों में अदृश्य बाढ़ से निपटने की तैयारियों का हवाई सर्वेक्षण करते हैं!
धरातल की वास्तविक पीड़ा से कोई सरोकार नहीं!
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 14, 2019
राजद कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि अपने-अपने जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने में यथासंभव मदद करें। प्रशासन से संपर्क स्थापित कर समस्याओं का निराकरण एवं उचित सुविधा मुहैया कराने में सहयोग करे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 14, 2019
तेजस्वी यादव ने एक और ट्वीट कर अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की. उन्होंने लिखा, 'आरजेडी कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि अपने-अपने जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में यथासंभव मदद करें. प्रशासन से संपर्क स्थापित कर समस्याओं का निराकरण एवं उचित सुविधा मुहैया कराने में सहयोग करे.' वहीं, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी नीतीश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'चमकी बुखार, सुखाड़, बाढ़, सरकारी स्कूलों में चरते आवारा मवेशी अथवा अस्पतालों में तैरती मछली सभी का दोष नीतीश प्रकृति को देकर अपनी ज़िम्मेदारियों से छुटकारा पा लेते है. जल संसाधन विभाग मे तटबंध निर्माण, बाढ़ राहत और बचाव के नामपर 15 वर्षों से हुए अरबों के घोटालों का सरगना कौन है?' यह भी पढ़ें- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर उठाई विशेष दर्जे की मांग, बताई ये वजह
उत्तर बिहार की अधिकतर नदियां खतरे के निशान को पार कर गयी हैं लेकिन सरकार राहत और बचाव की जगह प्रकृति और चूहों को दोष देने की कार्य योजना पर काम कर रही है।
जनता की इन्हें कोई फ़िक्र नहीं है। हर परिस्थिति में इन्हें बाढ़ के नाम पर बंदरबाँट करनी है। जनता त्राहिमाम कर रही है।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) July 14, 2019
नीतीश सरकार ने 14 वर्षों के शासन के बाद भी बाढ़ की वार्षिक विभीषिका से सदा के लिए निपटान हेतु क्या दूरगामी क़दम उठाए?
अबतक कितने लाख करोड़ ख़र्च किए?
जितना धन हर वर्ष राहत,बचाव,पुनर्वास व तटबंध निर्माण रखरखाव के नाम पर लूट लिए जाते हैं उतने में सदा के लिए समस्या का हल हो जाता।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) July 14, 2019
राबड़ी देवी ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, 'उत्तर बिहार की अधिकतर नदियां खतरे के निशान को पार कर गयी हैं लेकिन सरकार राहत और बचाव की जगह प्रकृति और चूहों को दोष देने की कार्य योजना पर काम कर रही है. जनता की इन्हें कोई फ़िक्र नहीं है. हर परिस्थिति में इन्हें बाढ़ के नाम पर बंदरबांट करनी है. जनता त्राहिमाम कर रही है.' उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा, 'नीतीश सरकार ने 14 वर्षों के शासन के बाद भी बाढ़ की वार्षिक विभीषिका से सदा के लिए निपटान हेतु क्या दूरगामी क़दम उठाए? अबतक कितने लाख करोड़ ख़र्च किए? जितना धन हर वर्ष राहत,बचाव,पुनर्वास व तटबंध निर्माण रखरखाव के नाम पर लूट लिए जाते हैं उतने में सदा के लिए समस्या का हल हो जाता.'