पटना, 23 सितंबर. बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जहां सभी राजनीतिक दल अब तैयारी में जुटे हैं, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन में सीट बंटवारे में हो रही देरी को लेकर नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है. महागठबंधन के घटक दल राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) भी सीट बंटवारे को लेकर नाराज बताई जा रही है। इस बीच, पार्टी ने गुरुवार को पार्टी की बैठक बुलाई है.
महागठबंधन के सूत्रों का कहना है कि सीट बंटवारे को लेकर रालोसपा नाराज हो गई है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि राजद नेतृत्व रालोसपा को 10 से कम सीटें देना चाहती है, जबकि रालोसपा ने 35 सीटों की मांग की है.रालोसपा के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा इस मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव से भी मिल चुके हैं. इधर, रालोसपा के महासचिव आनंद माधव कहते हैं कि यह चिंता की बात है कि महागठबंधन के दो सबसे बड़े दल कांग्रेस-राजद में भी अब तक सामंजस्य नहीं बैठा है. इससे लोग चिंतित हैं, लोगों में गलत संदेश भी जा रहा है. यह भी पढ़े: Bihar Assembly Elections 2020: बिहार चुनाव के पहले एक्टिव हुआ महागठबंधन, कांग्रेस-आरजेडी के साथ जुड़ सकती है ये पार्टी
उन्होंने कहा, "गुरुवार को राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी के साथ हम सभी परिस्थितियों पर मंथन करेंगे और बैठक में जो भी तय होगा, उस पर पार्टी अमल करेगी."महागठबंधन सें नाराजगी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नाराजगी की बात नहीं है, लेकिन लोगों में संदेश गलत जा रहा है. सभी की इच्छा महागठबंधन को मजबूत करने की रही है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले महागठंबधन छोड़कर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा राजग में शामिल हो चुकी है. गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव के पहले रालोसपा राजग को छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुई थी.