नई दिल्ली:- देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Former PM Atal Bihari Vajpayee) की 96वीं जयंती है. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य कई दिग्गज नेताओं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजली दी. पीएम मोदी ने कहा, अटल जी ने देश को विकास की अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचाया. एक मजबूत और समृद्ध भारत बनाने के उनके प्रयासों को हमेशा याद रखा जाएगा. वहीं, अमित शाह (Amit Shah) ने कहा, विचारधारा-सिद्धांतों पर आधारित राजनीति एवं राष्ट्र समर्पित जीवन से भारत में विकास, गरीब कल्याण और सुशासन के युग की शुरुआत करने वाले भारत रत्न आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन. अटल जी की कर्तव्यनिष्ठा व राष्ट्रसेवा हमारे लिए सदैव प्रेरणा का केंद्र रहेगी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से प्रधानमंत्री तक का सफर तय करनेवाले अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था. उनके पिता पंडित कृष्णबिहारी बाजपेयी ग्वालियर में ही अध्यापक थे, मां कृष्णा बाजपेयी हाउस वाइफ थीं. कहते हैं कि उन्हें काव्य एवं ओजस्वी भाषण की कला विरासत में मिली थी. उन्होंने सक्रिय राजनीति में 1942 में उस समय कदम रखा, जब महात्मा गांधी द्वारा शुरू किये ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में हिस्सा लेने के कारण उनके भाई को जेल में बंद कर दिया गया था.
Delhi: President Ram Nath Kovind pays tribute to former PM Atal Bihari Vajpayee at ‘Sadaiv Atal’ on his 96th birth anniversary pic.twitter.com/07Gn4HlbqQ
— ANI (@ANI) December 25, 2020
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 1957 में दूसरे आम चुनाव में न केवल मथुरा से चुनाव हार गए थे, बल्कि उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी. भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों में से अटल जी भी एक रहे हैं. अटल साल 1968 से 1973 तक जनसंघ के अध्यक्ष रहे और यह जनसंघ बाद भारतीय जनता पार्टी नाम से राजनैतिक पार्टी बनाई.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi pays floral tribute to former PM Atal Bihari Vajpayee on his 96th birth anniversary pic.twitter.com/6dcJhfBWUL
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अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार बलरामपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. मोरारजी देसाई के साथ उन्होंने 1977 सरकार बनाई और उसमें विदेश मंत्री का पद संभाला. अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 मई 1996 में देश के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. लेकिन उनकी सरकार ज्यादा नहीं चल पाई और उन्हें त्याग-पत्र देना पड़ा. जिसके बाद उन्होंने 19 मार्च, 1998 को फिर एक बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली.
ANI का ट्वीट:-
Delhi: Union Ministers Amit Shah, Rajnath Singh, Nirmala Sitharaman and Piyush Goyal pay floral tribute at ‘Sadaiv Atal’ on former PM Atal Bihari Vajpayee's 96th birth anniversary pic.twitter.com/VobjnsDEkC
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आज भले ही अटल बिहारी वाजपेयी इस दुनिया में न हो लेकिन राजनैतिक या सामाजिक जिस भी दृष्टी से देखें अटल जी सभी में सर्वोच्च स्थान पर आते हैं. अटल बिहारी वाजपेयी अपनी राजनीतिक समझ के साथ-साथ अपने भाषण देने की शैली और कविता के कारण भी जाने जाते हैं. उन्हें बीजेपी के आधार स्तंभ के रूप में जाना जाता है. आज उनकी पहचान एक कुशल राजनीतिज्ञ, प्रशासक, भाषाविद, कवि, पत्रकार व लेखक के रूप में आज भी है.