नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक बार फिर टल गई है. मामले को लेकर अगली सुनवाई अब तीन महीने बाद जनवरी 2019 में होगी. शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद इस मुद्दे पर राजनीति एक बार फिर तेज हो गई है. इसी कड़ी में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार को अध्यादेश लाने की चुनौती दे दी है. ओवैसी ने कहा कि सरकार मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाकर दिखाए. ओवैसी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े नहीं करने चाहिए, इसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए.
ओवैसी ने कहा कि अध्यादेश के नाम पर किसको डराया जा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि 56 इंच का सीना है तो अध्यादेश लेकर आएं.
Why don't they bring it (ordinance on Ram temple)? Let them do it. Every time they are threatening that they will bring an ordinance. Every Tom, Dick & Harry of BJP, RSS, VHP says this. Do it. You are in power. I challenge you to do it. Let us see: Asaduddin Owaisi, AIMIM pic.twitter.com/XXXG4xQLtE
— ANI (@ANI) October 29, 2018
देश मर्जी से नहीं बल्कि संविधान से चलता है
ओवैसी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार अयोध्या मामले पर अध्यादेश लाती है तो फटकार पड़ेगी. सरकार मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाकर दिखाए. उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबको मानना पड़ेगा. फैसले का विरोध करना ठीक नहीं है. देश मर्जी से नहीं बल्कि संविधान से चलता है. यह भी पढ़ें- अयोध्या राम मंदिर मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनवरी 2019 तक टली
फैसले के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि कोर्ट शुरू से कह रहा है ये टाइटल सूट है. अब जब चीफ जस्टिस की बेंच ने कह दिया है कि जनवरी में अगली सुनवाई होनी, तो किसी तरह का सवाल नहीं होना चाहिए.
गिरिराज पर भी बरसे
ओवैसी ने बीजेपी के नेता गिरिराज सिंह पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह को सरकारी वकील बना देना चाहिए. ओवैसी का यह निशाना गिरिराज के उस बयान पर है जिसमें उन्होंने कहा था उस कि कि अब हिंदुओं का सब्र टूट रहा है, मुझे भय है कि इसका परिणाम क्या होगा. बता दें कि गिरिराज सिंह ने यह बयान सोमवार को सुनवाई से पहले दिया था.













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