नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बयान के बाद लगातार उन पर निशाना साधा जा रहा है. अब नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस (Congress) से बाहर निकालने की मांग की जा चुकी है. शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से कहा कि वह पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी से निकालें क्योंकि सिद्धू ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बावजूद पाकिस्तान से वार्ता की पैरवी की थी.
पुलवामा आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. सिद्धू ने पाकिस्तान मौजूद आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) की ओर से किए गए कायराना हमले की निंदा तो की लेकिन खूनखराबा खत्म करने का स्थाई समाधान तलाशने के लिए वार्ता की पैरवी की. पिछले साल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो चुके सिद्धू ने कहा, 'कुछ चुनिंदा लोगों के लिए क्या आप पूरे देश को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं और क्या आप किसी व्यक्ति को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं?'
अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) ने कहा कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष ने सिद्धू को बर्खास्त नहीं किया तो यह माना जाएगा कि उन्होंने 'राहुल गांधी के निर्देश पर' बयान दिया. उन्होंने कहा, 'मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या चुप बैठे रहेंगे. हर देशभक्त भारतीय पूछ रहा है कि राहुल उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए राजनीति से ऊपर उठेंगे कि नहीं. सिद्धू को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए.'
अकाली नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की विश्वसनीयता की भी परीक्षा की घड़ी है. मजीठिया ने कहा, 'पंजाबी यह जानने को उत्सुक हैं कि विधानसभा में उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख के एजेंटों के बारे में जो कुछ कहा वह सही है कि नहीं. अगर ऐसा है तो मुख्यमंत्री को सिद्धू को अपनी कैबिनेट से हटाने के लिए राहुल गांधी की मंजूरी का इंतजार नहीं करना चाहिए.'