इस्राएल को ईरानी हमले से बचाने वाला एयर डिफेंस
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

बीते कुछ दिनों से इस्राएल का कई परतों वाला एयर डिफेंस सिस्टम भारी दबाव झेल रहा है. ईरान की तरफ से दागी गई बैलिस्टिक मिसाइलों में से कुछ ने तेल अवीव, हाइफा और दूसरे शहरों की इमारतों को निशाना बनाया है.इस्राएल की सेना का कहना है कि ईरान की तरफ से बड़ी संख्या में दागी गई ज्यादातर मिसाइलों को उसने बीच में ही रोक कर खत्म कर दिया है. हालांकि शुक्रवार से अब तक कई मिसाइलें, कई जगहों तक पहुंच गई हैं. इन मिसाइलों ने कई इमारतों को नुकसान पहुंचाया है और सोमवार सुबह इनकी चपेट में आ कर चार और लोगों की मौत हो गई. इस्राएल की राजधानी तेल अवीव की कुछ इमारतें भी ईरान के इन मिसाइलों की चपेट में आई हैं.

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ये हमले इस्राएल के एयर डिफेंस सिस्टम के लिए बड़ी चुनौती साबित हुए हैं. 7 अक्टूबर, 2023 को इस्राएल पर हमास के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध में गाजा, लेबनान, सीरिया, इराक और यमन और ईरान की तरफ से दागी मिसाइलों को रोकने में यह एयर डिफेंस सिस्टम बहुत कारगर रहा है. इनमें कम दूरी के रॉकेटों से लेकर मध्यम दूरी की मिसाइलें, हमलावर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं.

एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि इलाके में मौजूद अमेरिकी जमीनी एयर डिफेंस सिस्टम भी ईरानी मिसाइलों को मार गिराने में मदद करता रहा है. हालांकि पिछले कुछ सालों में इस्राएल की सुरक्षा में लगे एयर डिफेंस का संचालन मोटे तौर पर इस्राएल अपने दम पर ही कर रहा है.

एयर डिफेंस का उन्नत सिस्टम

बीते दशकों में इस्राएल ने एक काफी उन्नत सिस्टम विकसित कर लिया है. यह सिस्टम आसमान से आने वाली आने वाले किसी भी रॉकेट, मिसाइल या ड्रोन का हवा में ही पता लगा लेता है और अगर यह आबादी या किसी सैन्य ढांचे की तरफ जा रहा हो तो उसे हवा में ही खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाता है.

इस्राएली नेताओं का कहना है कि इस सिस्टम की सौ फीसदी गारंटी नहीं है लेकिन फिर भी यह गंभीर नुकसान या फिर बड़ी संख्या में लोगों की मौत को रोकने में कारगर है. इस्राएली एयर डिफेंस में कई सिस्टम एक साथ काम करते हैं.

एरो सिस्टम

यह सिस्टम अमेरिका के साथ मिल कर इस्राएल ने विकसित किया है. यह लंबी दूरी की मिसाइलों को रोकता है. इनमें वो बैलिस्टिकी मिसाइलें भी शामिल हैं जिन्हें ईरान इन दिनों इस्राएल के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा है.

एरो वातावरण के बाहर के इलाके में काम करता है. इसका इस्तेमाल मौजूदा युद्ध में यमन के हूथी विद्रोहियों की ओर से दागी जाने वाली मिसाइलों को रोकने के लिए भी किया जा रहा है.

डेविड्स स्लिंग

एयर डिफेंस का यह औजार इस्राएल ने अमेरिका की मदद से ही तैयार किया है. डेविड्स स्लिंग का इस्तेमाल मध्यम दूरी की मिसाइलों को रोकने में किया जाता है. आमतौर पर ऐसी मिसाइलें लेबनान में हिज्बुल्लाह के पास हैं. इस्राएल ने डेविड स्लिंग का इस्तेमाल भी इस युद्ध में कई बार किया है.

2017 से इस्तेमाल किया जा रहा यह डिफेंस सिस्टम बहुत कारगर साबित हुआ है. यह इस्राएली एयर डिफेंस की दूसरी रक्षा पंक्ति बनाता है.

आयरन डोम

इस्राएल ने यह सिस्टम भी अमेरिकी मदद से तैयार किया है. कम रेंज वाले रॉकेटों को मार गिराने में इसकी महारत है. पिछले दशक की शुरुआत में इसे इस्राएल में तैनात किया गया था. तब से अब तक इसने हजारों रॉकेटों से इस्राएल को बचाया है.

इनमें ऐसे कई रॉकेट भी शामिल हैं, जिन्हें हमास और हिज्बुल्लाह ने मौजूदा युद्ध में इस्राएल पर दागा. इस्राएल का कहना है कि यह एयर डिफेंस सिस्टम 90 फीसदी तक सफल है.

आयरन बीम

इस्राएल एक नया सिस्टम बनाने में जुटा हुआ है. यह सिस्टम आसमान से आने वाले खतरों को लेजर टेक्नोलॉजी की मदद से रोकता है. इस्राएल का कहना है कि यह सिस्टम गेम चेंजर साबित होगा. इसकी वह है इसके इस्तेमाल का खर्च मौजूदा सिस्टमों की तुलना में बेहद कम होना.

इस्राएली मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक आयरम डोम से एक इंटरसेप्शन का खर्च 50,000 डॉलर है जबकि दूसरे सिस्टम के इस्तेमाल का खर्च लगभग 20 लाख डॉलर प्रति मिसाइल है. इस्राएली अधिकारियों के मुताबिक इसकी तुलना में आयरन बीम महज कुछ डॉलर के खर्च में ही मिसाइलों को रोकने में सक्षम होगा. हालांकि यह डिफेंस सिस्टम अभी विकसित किया जा रहा है और इसकी तैनाती नहीं हुई है.