जम्मू-कश्मीर: उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बाद अब शाह फैसल पर भी लगा PSA
पूर्व आईएएस और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चीफ शाह फैसल पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (PSA) लगाया गया है. शाह फैसल पर किन आरोपों के तहत PSA लगाया गया है, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.
श्रीनगर: पूर्व आईएएस और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) के चीफ शाह फैसल (Shah Faesal) पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (PSA) लगाया गया है. शाह फैसल पर किन आरोपों के तहत PSA लगाया गया है, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. बता दें कि इससे पहले फैसल को पिछले साल अगस्त में दिल्ली एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया था. वह दिल्ली से इस्तांबुल जा रहे थे. जिसके बाद उन्हें दिल्ली से श्रीनगर लाया गया और उन्हें उनके घर में नजरबंद कर दिया गया. दरअसल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद फैसल ने एक ट्वीट किया था, उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था 'राजनीतिक अधिकारों को फिर से पाने के लिए कश्मीर को लंबे, निरंतर और अहिंसक राजनीतिक आंदोलन की जरूरत है.'
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बाद प्रशासन ने हाल ही में राज्य के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला. पीडीपी नेता और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, अली मोहम्मद सागर, सरताज मदनी, हिलाल लोन और नईम अख्तर पर भी पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
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शाह फैसल पर PSA के तहत मामला दर्ज-
शाह फैसल ने अपने एक पोस्ट में केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए लिखा था, 'घाटी में पुलिस की कार्रवाई से करीब 80 लाख लोग बंदी के समान रहने को मजबूर हो गए हैं. राज्य में इस तरह के हालात पहले कभी नहीं थे. जीरो ब्रिज से एयरपोर्ट तक कुछ ही वाहन दिख रहे हैं. सभी जगहें पूरी तरह से बंद हैं. मरीजों को छोड़कर किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है.'
पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (PSA) जम्मू कश्मीर का एक विशेष कानून है. इसे 1978 में फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला ने लागू किया था. ये कानून किसी भी शख्स को एहतियान हिरासत में लेने से जुड़ा है. इस कानून के प्रावधानों के मुताबिक राज्य सरकार किसी भी व्यक्ति के खिलाफ बिना केस चलाए उसे दो साल तक जेल में रख सकती है.