लखनऊ: सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) की तरफ से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेने की प्रयासों के बीच उत्तर प्रदेश की चुनावी माहौल में भगवान श्री कृष्ण का उल्लेख भी अपनी जगह बना रहा है. सपने में भगवान श्रीकृष्ण के आकर सरकार बनाने का आशीर्वाद देने के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के दावे और उस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के तीखे जवाब के बाद कृष्ण भी राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में आ गए हैं. मुख्यमंत्री योगी बोले, एक तरफ स्मार्टफोन होगा तो दूसरी ओर आतंकवाद मिटाने को कमांडो फोर्स भी तैयार होगी
हालांकि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा का मुद्दा पिछली एक दिसंबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य द्वारा मथुरा में एक भव्य मंदिर निर्माण की तैयारी से संबंधित एक ट्वीट के बाद से ही गर्म हो गया था.
हाल में ही कुछ तथाकथित हिंदूवादी संगठनों ने मथुरा की एक अदालत में याचिका दाखिल कर औरंगजेब के जमाने में बनी शाही मस्जिद में भगवान कृष्ण की मूर्ति रखने की अनुमति मांगी है. इन संगठनों का मानना है कि इस मस्जिद में ही श्रीकृष्ण का वास्तविक जन्म स्थल है.
प्रदेश के पशुधन मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने भी मथुरा में मंदिर निर्माण की खुले दिल से पैरवी करते हुए कहा था कि श्रीकृष्ण का मंदिर मथुरा में नहीं तो क्या लाहौर में बनेगा. इस मुद्दे पर कुछ समय की खामोशी के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को एक बयान में कहा कि श्रीकृष्ण हर रात उनके सपने में आकर कहते हैं कि राज्य में अगली सरकार सपा की ही बनने वाली है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले दिन अलीगढ़ में एक बिजली परियोजना का उद्घाटन करने के बाद कहा कि भगवान कृष्ण अखिलेश के सपने में खाकर कहते होंगे कि पहले वह अपनी नाकामियों पर आंसू बहाएं.
योगी ने दावा किया था कि सपा की सरकार के शासनकाल में कोई भी भगवान कृष्ण के बारे में नहीं सोचता था और वे सब कंस के पुजारी थे.
मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि भाजपा सरकार विकास के वे काम कर रही है जो सपा की सरकार नहीं कर सकी थी.
हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है इसलिए भाजपा मथुरा का मुद्दा उठाकर चुनावी लाभ लेने की फिराक में है. ऐसे में अखिलेश की ताजा टिप्पणी में उसे अपने लिए सियासी ईंधन नजर आ रहा है.
उनका यह भी मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले श्री कृष्ण और उनकी जन्मस्थली मथुरा वृंदावन का जिक्र जरूर किया जा रहा है लेकिन इसे कितना राजनीतिक लाभ मिलेगा, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)