मुंबई: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former PM Indira Gandhi) और अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला (Underworld Don Karim Lala) को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के बयान से सियासी गलियारे में भूचाल सा आ गया. संजय राउत के बाद अब डॉन हाजी मस्तान (Don Haji Mastan) के दत्तक पुत्र ने बड़ा बयान दिया है. अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान के दत्तक पुत्र सुंदर शेखर (Sundar Shekhar) ने गुरुवार को कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत ने ठीक कहा है. इंदिरा गांधी करीम लाला से मिलती थीं. अन्य नेता भी उनके यहां आते थे. उन्होंने कहा कि हाजी मस्तान एक व्यापारी थे. बालासाहेब ठाकरे भी हाजी मस्तान के अच्छे दोस्त थे. वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने संजय राउत के बयान को गलत करार देते हुए कहा है कि हम इसका कड़ा विरोध करेंगे.
दरअसल, बुधवार को एक कार्यक्रम में संजय राउत ने खुलासा किया था कि एक समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने के लिए उसके इलाके पायधुनी जाया करती थीं. अब उनके इस बयान के बाद संजय राउत को सही ठहराते हुए सुंदर शेखर ने भी कहा है कि इंदिरा गांधी करीम लाला से मिलती थीं और कई दूसरे नेता भी मिलने के लिए आते थे.
देखें ट्वीट-
Sundar Shekhar, adopted son of don Haji Mastan: Sanjay Raut (Shiv Sena leader) is right. Indira Gandhi used to meet him (Karim Lala). Many other leaders also used to visit. Haji Mastan was a businessman. Balasaheb Thackeray too was a good friend of Haji Mastan. pic.twitter.com/Vqa4sc7spu
— ANI (@ANI) January 16, 2020
अंडरवर्ल्ड के दिनों को याद करते हुए संजय राउत ने यह भी कहा कि एक समय ऐसा था जब मुंबई का अंडरवर्ल्ड शिकागो के अंडरवर्ल्ड से भी ज्यादा खतरनाक हुआ करता था. उस दौर में दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी जैसे डॉन मुंबई और आसपास के इलाकों में अपनी अच्छी पकड़ रखते थे. आगे उन्होंने कहा कि मुंबई का पुलिस आयुक्त कौन होगा या फिर मंत्रालय में किसे बिठाना है. इसका फैसला भी अंडरवर्ल्ड ही करता था. हालांकि बाद में उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था. यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र: शिवसेना नेता संजय राउत का दावा, अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलती थी पूर्व PM इंदिरा गांधी- जानें कौन था Karim Lala
गौरतलब है कि अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला का जन्म अफगाविस्तान में हुआ था. 21 साल की उम्र में वह काम की तलाश में भारत आया था. साल 1930 में वह पेशावर से मुंबई पहुंचा और उसने यहां छोटा-मोटा काम करना शुरू कर दिया, लेकिन उसे कम समय में ज्यादा पैसे कमाने की चाह थी, इसलिए उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद उसने साल 1960 से 1980 के दशक तक मुंबई में जुआ, शराब की तस्करी, अवैध वसूली, सोने-चांदी की स्मगलिंग, सट्टेबाजी और ड्रग्स स्मगलिंग जैसे अपराधों को बेखौफ होकर अंजाम दिया. उसकी मौत साल 2002 में 90 साल की उम्र में हुई थी.