नई दिल्ली: 2019 आम चुनावों (2019 Lok Sabha Elections) के लिए अब कुछ महीने ही बचे हैं. इन चुनावों से पहले पांच राज्यों के असेंबली चुनाव के नतीजों ने देश की सियासत को एक नया मोड़ दे दिया है. 3 राज्यों में जीत के बाद कांग्रेस (Congress) पार्टी में आत्मविश्वास छलक रहा हैं. वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सपा-बसपा (SP-BSP) की ओर से कांग्रेस पार्टी को झटका मिलना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि अखिलेश-माया की जोड़ी कांग्रेस को गठबंधन में नहीं लेगी और इसी को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना प्लान बनाना शुरू कर दिया हैं.
ख़बरों की माने तो राहुल गांधी जल्द ही यूपी में नए अध्यक्ष का चयन करेंगे. साथ ही वे अलग-अलग कार्यकारी अध्यक्षों की टीम भी बनाएंगे. ये सभी लोग अलग-अलग क्षेत्रों में काम करेंगे. ऐसा भी बताया जा रहा है कि राहुल गांधी इस सभी नेताओं को टारगेट भी देंगे. सभी नियुक्तियों में क्षत्रीय और जातीय समीकरण का ध्यान रखा जाएगा. हिंदी बेल्ट के .तीन राज्यों में मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस को लग रहा है कि वह यूपी में अपनी खोई जमीन वापस पाने का ये सही मौका है. कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में 2019 में सियासी जमीन तैयार करने में जुट गई है.
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ऐसा भी बताया जा रहा है कि सूबे में कांग्रेस पार्टी राज बब्बर की जगह किसी ब्राह्मण को सूबे का मुखिया बनाएंगे. वहीं कार्यकारी अध्यक्षों में भी सवर्ण के साथ दलित और ओबीसी व मुस्लिम को तरजीह दी जाएगी. दिग्गज नेता पीएल पुनिया को भी सूबे में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. पुनिया ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी का किला दहाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.
बहरहाल, यह तो वक्त ही बताएगा कि राहुल गांधी की ये रणनीति कारगर साबित होती है या नहीं. इस समय तो सभी सियासी पंडित महागठबंधन के पक्ष में ही रुझान बता रहे हैं.