Western and Eastern Freight Corridor: PM मोदी कल वेस्टर्न-ईस्टर्न कॉरिडोर का करेंगे उद्घाटन, 100 KM की स्पीड से चलेंगी फ्रेट ट्रेनें
PM Narendra Modi (Photo Credit: ANI)

Western-Eastern Freight Corridor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (12 मार्च 2024) को 11,859 करोड़ की लागत से बने पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के 401 किलोमीटर लंबे न्यू खुर्जा जंक्शन-साहनेवाल रेल खंड का उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही 13,363 करोड़ की लागत से बने पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) पर 244 किमी लंबे न्यू मकरपुरा जंक्शन से न्यू घोलवड रेल खंड का भी उद्घाटन होगा.

प्रधानमंत्री मोदी 280 करोड़ की लागत से बने पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) के लिए अहमदाबाद में अत्याधुनिक "ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (OCC)" को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

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प्रधानमंत्री मोदी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सात स्टेशनों से सात विशेष मालगाड़ियों (फ्रेट ट्रेन) को हरी झंडी भी दिखाएंगे. 12 मार्च को राष्ट्र को समर्पित किए जाने वाला 401 किमी लंबा न्यू खुर्जा जंक्शन से न्यू साहनेवाल रेल खंड पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो उत्तर भारत के प्रमुख कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करता है.

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का रेल खंड तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के 12 जिलों से होकर गुजरता है. इस रेल खंड में चलने वाली मालगाड़ियां अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, जिसके कारण भारत के पूर्वी हिस्सों से इस क्षेत्र में स्थित बिजली संयंत्रों तक कोयला रेक की आवाजाही के लिए पारगमन समय 35 घंटे से घटकर 20 घंटे से कम हो जाएगा. इससे कोयले को रखने के लिए इन्वेंट्री लागत 20-30 प्रतिशत तक कम करने और भारत की बिजली सुरक्षा को सदृढ़ करने में सहायता मिलेगी.

साथ ही, इस क्षेत्र से ईडीएफसी के माध्यम से भारत के पूर्वी हिस्सों में खाद्यान्न और उर्वरकों के साथ-साथ अन्य आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को भी गति मिलेगी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी 244 किमी लंबे न्यू मकरपुरा जंक्शन से न्यू घोलवड रेल खंड को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जो पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह रेल खंड गुजरात के पांच जिले वडोदरा, भरूच, सूरत, नवसारी और वलसाड को जोड़ेगा. इसके जरिए गुजरात की डेयरियों से आने वाले दूध, सब्जियां, फल और अन्य कृषि उत्पाद जैसे खराब होने वाले सामान रिकॉर्ड समय में बड़े बाजारों तक पहुंच सकते हैं.

ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (OCC), (WDFC) अहमदाबाद में आधुनिक तकनीक द्वारा एक अत्याधुनिक ‘ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर’ (OCC) का निर्माण किया गया है, जो 1,506 किमी WDFC के पूरे रेलमार्ग के लिए 'कमांड और नर्व सेंटर' के रूप में काम करेगा. यह केंद्र ओएफसी सिस्टम (OFC सिस्टम) पर WDFC के सभी स्टेशनों के साथ-साथ भारतीय रेलवे के मंडल मुख्यालय से भी जुड़ा हुआ है.

यह विश्व स्तरीय ट्रेन संचालन सुविधा "एकीकृत ट्रेन प्रबंधन प्रणाली" (TMS), "सुपरवाइजरी कंट्रोल और डेटा एक्वीजीशन (स्काडा) प्रणाली डेडिकेटेड फ्रेट सूचना प्रणाली और (DFIS) से लैस है, जो ट्रेन परिचालन की निगरानी करती है, DFC नेटवर्क पर चलने वाली मालगाड़ियों का वास्तविक समय विवरण दिखाती है और ट्रेनों की आवाजाही, ट्रैफिक ब्लॉक की कुशलता से योजना बनाने में मदद करती है.

401 किलोमीटर लंबा न्यू खुर्जा जंक्शन से न्यू साहनेवाल रेल खंड पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) उत्तर भारत के प्रमुख कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करता है. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का यह रेल खंड तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के 12 जिलों, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, अंबाला, यमुना नगर, सहारनपुर, बुलंदशहर, हापुड, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और गौतमबुद्ध नगर, से होकर गुजरता है.

DFCCIL द्वारा इस रेल खंड पर 86 पुल बनाए हैं, जिनमें यमुना, मारकंडा, टांगरी और घग्गर नदियों पर प्रमुख पुल शामिल हैं. 115 लेवल क्रॉसिंग को समाप्त कर दिया है. वहीं, 1,506 किमी, (दादरी, उत्तर प्रदेश से JNPT, नवी मुंबई, महाराष्ट्र), यह उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरता है और इसका नियंत्रण कक्ष अहमदाबाद में स्थित है.