आयुष्मान भारत से 'हेल्दी' न्यू इंडिया का सपना होगा साकार, पैदा होंगे 11 लाख नए रोजगार: पीएम मोदी
पीएम मोदी (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार को आरोग्‍य मंथन (Arogya Manthan) के समापन कार्यक्रम की अध्‍यक्षता की. यह कार्यक्रम आयुष्‍मान भारत (Ayushman Bharat) योजना के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में आयोजित किया गया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत न्यू इंडिया (New India) के क्रांतिकारी क़दमों में से एक है. इसकी वहज से आने वाले समय में लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही प्रधानमंत्री ने इसके चुनिंदा लाभार्थियों से बातचीत भी की.

आरोग्‍य मंथन के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा ‘आयुष्मान भारत न्यू इंडिया के क्रांतिकारी कदमों में से एक है. सिर्फ इसलिए नहीं कि ये सामान्य मानवी के जीवन को बचाने में अहम भूमिका निभा रहा है. बल्कि ये देश के 130 करोड़ लोगों के सामूहिक संकल्प और सामर्थ्य का भी प्रतीक है.’ उन्होंने आगे कहा कि देश के हर नागरिक को घर के पास ही बेहतरीन स्वास्थ सुविधाएं मिलें इसके लिए प्रयास जारी है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 46 लाख गरीब लोगों में बीमारी की निराशा से स्वस्थ होने की आशा जगाना बहुत बड़ी सिद्धि है. इस एक वर्ष में किसी एक व्यक्ति की जमीन, घर, गहने या कोई अन्य सामान बिकने से बचा है तो ये आयुष्मान भारत की बहुत बड़ी सफलता है. PM-JAY अब गरीबों की जय बन गई है. आयुष्मान भारत से अगले कुछ सालों में 11 लाख रोजगार के मौके पैदा होंगे.

आरोग्‍य मंथन कार्यक्रम-

उन्होंने कहा आयुष्मान भारत से देश में स्वास्थ्य सेवाओं की डिमांड में बढ़ोतरी हो रही है. अब वो मरीब भी अस्पताल पहुंच रहा है जो पहले इजाल के बारे में सोचता तक नहीं था. आज इस योजना का लाभ देने वाले में 18,000 अस्पतालों में से करीब 10,000 निजी अस्पताल हैं. देश के करीब 50 हजार लाभार्थियों ने बेहतर इलाज के लिए अपने राज्य के बाहर इस योजना का लाभ लिया है.

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने आयुष्‍मान भारत के नये मोबाइल एप की शुरूआत की. उल्लेखनीय है की आयुष्‍मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य योजना है. इसके तहत दस करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रूपये तक का इलाज मुफ्त दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री जन अरोग्‍य योजना के तहत अब तक 7500 करोड़ रूपये से 46 लाख लोगों का उपचार हुआ है. जबकि 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को कार्ड जारी किया गया है. इस योजना के अंतर्गत देशभर में 18 हजार से अधिक अस्‍पताल इलाज की सुविधा दे रहे है. जिसमें से पचास फीसदी से अधिक प्राइवेट हॉस्पिटल हैं.