गुवाहाटी: असम सरकार (Assam Government) ने गुवाहाटी हाईकोर्ट (Guwahati High Court) को बताया है कि राज्य में करीब 12 लाख अपात्र किसानों (Ineligible Farmers) को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना (PM-Kisan Yojana) के तहत वित्तीय सहायता मिली है. एनजीओ अमगुरी नाबा निर्माण समिति द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति सौमित्र सैकिया की खंडपीठ ने असम सरकार से इस सप्ताह की शुरुआत में अदालत में इस मुद्दे पर पूर्ण स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा.
इससे पहले कृषि विभाग द्वारा अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में कहा गया था कि 2020 में विभागीय जांच के बाद पाया गया कि 11.72 लाख अपात्र किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत वित्तीय सहायता मिली थी, और राज्य सरकार ने उन लोगों से पैसा वसूली के लिए कदम उठाए थे. यह भी पढ़ें: Delhi: पुलिस ने बताया- पुरानी सीमापुरी की इमारत में मिले बैग से IED बरामद
हलफनामे में अदालत को यह भी बताया गया कि उन अधिकारियों के खिलाफ एक प्रक्रिया शुरू की गई है, जो इन गलत कामों में शामिल थे और कुछ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. कोर्ट ने जनहित याचिका पर अगली सुनवाई के लिए पांच अप्रैल की तारीख तय की है.
पीएम-किसान योजना 2019 में शुरू की गई थी और इसके तहत प्रति किसान 2,000 रुपये की तीन किस्तों में 6,000 रुपये प्रदान करती है. वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है.