नई दिल्ली, 17 मार्च : दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने गुरुवार को यस बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक राणा कपूर (Rana Kapoor) को एक ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ पब्लिशिंग हाउस पेंग्विन रैंडम हाउस इंडिया की अपील पर नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें इस पर एक किताब प्रकाशित करने और वितरित करने से रोकने के लिए कहा गया था. न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की एकल-न्यायाधीश की पीठ ने कपूर को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 24 जुलाई को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. मामला 466 करोड़ रुपये के यस बैंक घोटाले से जुड़ा है. पत्रकार फुरकान मोहरकान ने फरवरी 2021 में 'द बैंकर हू क्रश हिज डायमंड्स : द यस बैंक स्टोरी' नामक एक पुस्तक प्रकाशित की.
हालांकि, कपूर ने इसका यह कहते हुए विरोध किया कि किताब में उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं, जो चल रही जांच के लिए बेहद प्रतिकूल हैं. ट्रायल कोर्ट ने 22 दिसंबर, 2021 को मोहरकान के पुस्तक के प्रकाशन और वितरण के खिलाफ एकतरफा अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित किया और 28 जनवरी, 2023 को इसकी पुष्टि की गई. पुस्तक प्रकाशक पेंगुइन ने हाईकोर्ट के समक्ष अपनी अपील में तर्क दिया कि निचली अदालत इस तथ्य की सराहना करने में विफल रही कि कपूर ने पुस्तक के प्रकाशन के 11 महीने बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया. यह भी पढ़ें : Hyderabad Fire: सिकंदराबाद के स्वप्नलोक कॉम्प्लेक्स में लगी भीषण आग, 6 लोगों की दम घुटने से मौत
तर्क में आगे दावा किया गया कि कपूर को जून 2020 की शुरुआत में ही किताब के रिलीज होने की योजना के बारे में पता था, जब लेखक ने अपनी बेटी से कहानी का अपना संस्करण प्राप्त करने के लिए संपर्क किया और उसने अपने वकील के माध्यम से जवाब दिया, उसे प्रकाशित न करने की चेतावनी दी. इसमें आगे कहा गया है कि गुण-दोष पर चर्चा न करके या उचित कारण बताते हुए, विशेष रूप से पूरी किताब पर रोक क्यों लगाई जा रही है, ट्रायल कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से परे चला गया और यह एक व्यापक सेंसरशिप के बराबर है, और मुक्त भाषण अधिकारों का हनन है.